102 एम्बुलेंस के ड्राइवर की इलाज के अभाव में मौत, कोरोना संक्रमित एम्बुलेंस ड्राइवर ने ऑटो में तड़प-तड़प कर दम तोड़ा

बेतिया में 102 एम्बुलेंस के ड्राइवर की मौत इलाज के अभाव में हो गयी है। कोरोना संक्रमित एम्बुलेंस ड्राइवर ने ऑटो में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। मृतक एम्बुलेंस ड्राइववर मझौलिया के श्यामपुर बैठनिया का रहने वाला था।

0 25

- Advertisement -

पटना| कोरोना की दूसरी लहर से बिहार में त्राहिमाम मचा हुआ है। इस वैश्विक महामारी से कई जाने जा रही है। इसी क्रम में बेतिया में 102 एम्बुलेंस के ड्राइवर की मौत इलाज के अभाव में हो गयी है। कोरोना संक्रमित एम्बुलेंस ड्राइवर ने ऑटो में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। मृतक एम्बुलेंस ड्राइववर मझौलिया के श्यामपुर बैठनिया का रहने वाला था। कोरोना महामारी के कारण जीएमसीएच बेतिया में संसाधनों की कमी के कारण एक एम्बुलेंस ड्राइवर की मौत हो गयी। अस्पताल में बेड नहीं होने के कारण उसने एक ऑटो में ही दम तोड़ दिया।

- Advertisement -

मृतक के भाई नंदलाल महतो ने बताया कि मृतक भरत महतो 102 एंबुलेंस का ड्राईवर था। एक सप्ताह पहले ड्यूटी कर घर लौटे थे। कोरोना की जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। घर में इलाज के बाद जब स्थिति बिगड़ी तो मझौलिया PHC में उन्हे भर्ती कराया गया। रविवार को मझौलिया PHC ने बेतिया रेफर कर दिया। मृतक के भाई नंदलाल महतो ने बताया कि ऑटो में वह अपने भाई को लेकर GMCH पहुंचे थे जहां अस्पताल में बेड नहीं रहने के कारण उन्हें एडमिट नहीं किया गया। जिसके बाद मरीज ने तड़प-तड़प के ऑटो में ही दम तोड़ दिया।

जानकारी यह भी मिल रही है कि इलाज में भेदभाव किए जाने को लेकर एंबुलेंस चालक काम-काज ठप करेंगे। परिजनों ने आरोप है कि उनके पहुंचने के बाद अस्पताल में आने वाले दो-तीन मरीजों को अस्पताल प्रशासन ने एडमिट कराया। जबकि उनके भाई को एडमिट नहीं किया गया। एक मरीज को तो खुद डॉक्टर सहारा देकर अस्पताल में ले गए। एंबुलेंस चालकों ने बताया कि जब स्टाफ के साथ ऐसी स्थिति है तो आमलोगों के साथ क्या होता होगा। एंबुलेंस चालकों ने कहा कि हम इस व्यवस्था के विरोध में एंबुलेंस सेवा ठप करने पर विचार कर रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.