नई दिल्ली: भारत ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक आशावाद सूचकांक (Global Optimism Index) में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है. इप्सोस के ‘व्हाट वॉरिज द वर्ल्ड’ सर्वे के मई 2025 संस्करण के अनुसार, भारत ने राष्ट्रीय आशावाद में 3 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हासिल की है और वैश्विक रैंकिंग में चौथा स्थान बरकरार रखा है. सर्वे में 65 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर, जिसे 7 मई को शुरू किया गया था, ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने 25 मिनट के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इस ऑपरेशन को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब माना जा रहा है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अडारकर ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को सरकार और सशस्त्र बलों ने जिस तरह संभाला, उसने लोगों का सिस्टम में विश्वास बढ़ाया है. यह दिखाता है कि हमारा प्रशासन नागरिकों और देश के हित में बाहरी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है.” उन्होंने आगे कहा कि इस कार्रवाई ने देश में नई ऊर्जा का संचार किया है.
वैश्विक आशावाद में ग्लोबल साउथ का दबदबा
सर्वे के अनुसार, वैश्विक आशावाद सूचकांक में शीर्ष स्थान ग्लोबल साउथ के देशों के पास हैं. सिंगापुर 77 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है, इसके बाद मलेशिया (69 प्रतिशत), इंडोनेशिया (67 प्रतिशत) और भारत (65 प्रतिशत) हैं. अर्जेंटीना (56 प्रतिशत), थाईलैंड (45 प्रतिशत) और मेक्सिको (45 प्रतिशत) भी शीर्ष सात में शामिल हैं. वहीं, विकसित देशों में निराशा का माहौल है, जहां फ्रांस (19 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (15 प्रतिशत) और पेरू (9 प्रतिशत) सबसे कम आशावादी हैं.
आतंकवाद बना बड़ी चिंता
सर्वे में यह भी सामने आया कि पहलगाम हमले के बाद भारत में आतंकवाद को लेकर चिंता में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यह देश के शीर्ष तीन मुद्दों में शामिल हो गया है. इसके अलावा, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, अपराध और हिंसा, और वित्तीय या राजनीतिक भ्रष्टाचार भारतीयों के लिए प्रमुख चिंताएं हैं. वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, जो 37 प्रतिशत लोगों की चिंता का कारण है.
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत किया, बल्कि देश के भीतर और बाहर इसके रणनीतिक महत्व को भी रेखांकित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “नारी शक्ति का प्रतीक” और “न्याय के लिए अटल संकल्प” करार देते हुए कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए कड़ा संदेश है.
सोशल मीडिया पर भी इस सर्वे को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. कई लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की ताकत और सरकार के निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बताया. एक यूजर ने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अब चुप नहीं रहेगा. यह हमारी एकता और शक्ति का प्रमाण है.”