भुवनेश्वरI ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने बुधवार को कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के नेपाली छात्रों से कैंपस वापस आकर पढ़ाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.
सोमवार को KIIT प्रशासन ने लगभग 1,000 नेपाली छात्रों को निलंबन नोटिस जारी करते हुए तुरंत कैंपस छोड़ने का आदेश दिया था. यह कदम नेपाल की छात्रा प्रकृति लामसाल की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उठाया गया था. प्रकृति का शव रविवार को उनके हॉस्टल रूम की छत से लटका हुआ मिला था.
हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद KIIT प्रशासन ने माफी मांगी और नेपाली छात्रों से कैंपस वापस आने का अनुरोध किया.
मांझी, जो वर्तमान में राजस्थान में हैं, ने नेपाल के अधिकारियों संजीब दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी के साथ फोन पर बातचीत की. इन अधिकारियों ने दिन में ओडिशा के संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज के साथ मुख्य सचिव मनोज अहूजा से यहां राज्य गेस्ट हाउस में बैठक की.
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि मृतक KIIT छात्रा प्रकृति लामसाल के मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.”
इसके अलावा, नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. अर्जू राणा देउबा ने भी ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज से इस मुद्दे पर फोन पर बातचीत की.
ओडिशा CMO ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी ने नेपाली काउंसलर संजीब दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि मृतक KIIT छात्रा प्रकृति के मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि KIIT कैंपस में शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी. मुख्यमंत्री ने नेपाली छात्रों से कैंपस वापस आकर पढ़ाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया.”
इससे पहले, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था, “हमारे नई दिल्ली स्थित दूतावास ने ओडिशा में प्रभावित नेपाली छात्रों को सलाह देने के लिए दो अधिकारियों को भेजा है. इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है कि उनके पास हॉस्टल में रहने या घर वापस जाने का विकल्प हो, उनकी पसंद के अनुसार.
KIIT के नेपाली छात्रों ने आरोप लगाया कि छात्रा की असामान्य मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें कैंपस से बाहर निकाल दिया गया और कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया गया. इसके अलावा, उनके साथ मारपीट भी की गई, जिससे कई छात्र आहत हुए और कैंपस वापस जाने से डर रहे हैं.