टाटा संस और एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, जिसमें 270 से अधिक लोगों की जान गई, और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का वादा किया.
चंद्रशेखरन ने टाइम्स नाउ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “यह बेहद दुखद स्थिति है. मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं मृतकों के परिवारों को सांत्वना दूं. मुझे गहरा खेद है कि यह हादसा टाटा की एयरलाइन में हुआ.” उन्होंने जोर देकर कहा कि कंपनी पीड़ितों के परिजनों के साथ है और उनकी मदद के लिए हर कदम उठाएगी. यह हादसा 12 जून को हुआ, जब लंदन जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (उड़ान AI-171) अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
चंद्रशेखरन ने हादसे के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक इंतजार करना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि AI-171 का रिकॉर्ड साफ है और कोई चेतावनी संकेत नहीं थे. “दाएं इंजन को मार्च 2025 में लगाया गया था, और बाएं इंजन की आखिरी सर्विस 2023 में हुई थी, जो दिसंबर 2025 तक वैध है. दोनों पायलट बेहद अनुभवी थे,” उन्होंने कहा. कप्तान सुमीत सभरवाल के पास 11,500 घंटे और प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर के पास 3,400 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था. उन्होंने ब्लैक बॉक्स के डेटा पर भरोसा जताया, जो हादसे की सच्चाई उजागर करेगा.
डीजीसीए द्वारा पहले जारी किए गए नोटिस और उड़ान देरी पर लगाए गए जुर्माने पर चंद्रशेखरन ने कहा, “ये सुरक्षा से जुड़े मुद्दे नहीं थे. अगर सुरक्षा में कमी होती, तो डीजीसीए हमें उड़ान की अनुमति नहीं देता.” उन्होंने तुर्की टेक्निक से रखरखाव की अफवाहों को भी खारिज किया, यह कहते हुए कि 33 ड्रीमलाइनर विमानों का रखरखाव भारत में एआईईएसएल या सिंगापुर की एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा किया जाता है.
पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की सिंगापुर एयरलाइंस पर टिप्पणी का जवाब देते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि सिंगापुर एयरलाइंस एक सहायक साझेदार है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एयर इंडिया के सीईओ सिंगापुर एयरलाइंस के नामित नहीं हैं, बल्कि टाटा द्वारा नियुक्त कर्मचारी हैं. हादसे में मारे गए चालक दल के अंतिम संस्कार में एयर इंडिया अधिकारियों की अनुपस्थिति पर आलोचना का जवाब देते हुए, उन्होंने बेहतर संचार का वादा किया.
यह हादसा टाटा समूह के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था. चंद्रशेखरन की माफी और पारदर्शिता का वादा जांच के नतीजों पर निर्भर करता है, जो विमानन सुरक्षा के लिए भविष्य की दिशा तय करेगा.
