पुरी में डेबासनाना पूर्णिमा पर श्री जगन्नाथ मंदिर के बाहर तैनात हुआ एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड, सुरक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक कदम
पुरी: पुरी पुलिस ने श्री जगन्नाथ मंदिर की डेबासनाना पूर्णिमा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया. पुलिस ने पहली बार मंदिर के बाहर एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) की तैनाती की, जो सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण निर्णय माना गया. इस सुरक्षा उपाय का उद्देश्य मंदिर के आसपास बढ़ती भीड़ और सुरक्षा खतरे से निपटना था, खासकर जब इस वर्ष लाखों भक्तों के आने की संभावना थी.
पुरी पुलिस द्वारा तैनात किए गए ओडिशा पुलिस के विशेष कमांडो, जो पहले ही शहरी युद्ध में अनुभवी हैं, मंदिर के सुनहरे द्वार के बाहर एक प्रमुख जगह पर तैनात थे. इसके अलावा, 70 पलटन जिला कांस्टेबल्स, तीन उप कमांडेंट्स और करीब 450 वरिष्ठ अधिकारी पूरे शहर में फैले हुए थे, ताकि बढ़ती हुई भीड़ का सामना किया जा सके. पुलिस ने इसे एक बड़े सुरक्षा कदम के रूप में देखा, जो इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण था.
सुरक्षा इंतजाम:
- इस साल डेबासनाना पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के कारण, सुरक्षा को लेकर खुफिया जानकारी में संदिग्ध खतरों का संकेत मिला था. इसके मद्देनजर जगन्नाथ मंदिर को श्रेणी-A स्थान के रूप में चिन्हित किया गया और उसे उच्च जोखिम वाली जगह घोषित किया गया.
- सुरक्षा की इस तगड़ी चादर में कई उपाय शामिल थे, जैसे बुलेटप्रूफ आर्मर्ड वाहन ‘रक्षक’ का तैनात होना, और टैम्पर-प्रूफ सीसीटीवी कैमरे जो एआई एल्गोरिदम के जरिए सुरक्षा कक्ष तक वीडियो भेजते थे.
- तटीय क्षेत्र को भी अतिरिक्त सुरक्षा दी गई, जहां नौसेना के गश्ती जहाजों ने सुरक्षा इंतजामों की निगरानी की.
पुरी पुलिस अधीक्षक का बयान:
पुरी के पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड की तैनाती डेबासनाना पूर्णिमा और रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस कदम की जरूरत तब महसूस हुई जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई मुख्यमंत्री की उपस्थिति सुनिश्चित की गई, जिससे सुरक्षा का स्तर और भी बढ़ा.
द्रुत सुरक्षा उपाय और बढ़ती श्रद्धालु संख्या:
पिछले कुछ वर्षों में ₹800 करोड़ की लागत से हुए ABADHA परियोजना के तहत मंदिर का कायाकल्प हुआ है, जिसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है. अधिकारियों का अनुमान है कि त्योहारों के दिनों में करीब 50,000 श्रद्धालु मंदिर में आ सकते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस सुरक्षा घेरे की व्यापक सराहना की गई, हालांकि कुछ लोगों ने भीड़ प्रबंधन को लेकर चिंताएं जताई हैं.
पहली बार रथ यात्रा के दौरान ATS की तैनाती से पुरी मंदिर सुरक्षा के नए मानक स्थापित कर रहा है. सुरक्षा योजनाकारों का कहना है कि वे श्री जगन्नाथ मंदिर के आध्यात्मिक माहौल को और आधुनिक सुरक्षा उपायों को संतुलित करने में सक्षम हैं.