ओडिशा के करोड़पति इंजीनियर की गिरफ्तारी तय, विजिलेंस की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी

0 8
Wp Channel Join Now

भुवनेश्वर: ओडिशा के ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, क्योंकि विजिलेंस विभाग की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी है. भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के तहत शुरू हुई इस कार्रवाई में अब तक 2.51 करोड़ रुपये नकद और करोड़ों की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं. यह कार्रवाई सारंगी के भुवनेश्वर और अंगुल सहित 15 ठिकानों पर चल रही है.

सारंगी, जो आज 31 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, को शुक्रवार से विजिलेंस की कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ रहा है. जांच के दौरान सारंगी ने भुवनेश्वर के अपने फ्लैट की खिड़की से 500 रुपये के नोटों की गड्डियां फेंकने की कोशिश की थी, जिसे बाद में गवाहों की मौजूदगी में बरामद किया गया. इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है.

जब्त संपत्तियों का ब्योरा

विजिलेंस ने सारंगी और उनके परिवार के नाम पर भारी-भरकम संपत्तियों का खुलासा किया है. अब तक की जांच में निम्नलिखित बरामद किए गए हैं:

  • अंगुल के करदागड़िया में एक दो मंजिला आवासीय भवन
  • अंगुल के मटियासाही में एक और दो मंजिला इमारत
  • भुवनेश्वर के डुमडुमा में पीडीएन एक्सोटिका में एक फ्लैट
  • सिउला, पीपली (पुरी) में 1100 वर्ग फुट का एक फ्लैट
  • भुवनेश्वर और अंगुल के बाहरी इलाकों में सात कीमती भूखंड
  • 51 करोड़ रुपये नकद (भुवनेश्वर के फ्लैट से 1.21 करोड़ और अंगुल के आवास से 1.30 करोड़)
  • शेयर बाजार में70 करोड़ रुपये का निवेश
  • बैंक और बीमा जमा में5 करोड़ रुपये
  • 1 किलोग्राम से अधिक सोना
  • 15 महंगी कलाई घड़ियां

इसके अलावा, सारंगी की पत्नी के नाम पर अंगुल में एक्सिस बैंक में एक लॉकर अभी खोला जाना बाकी है. विजिलेंस की तकनीकी शाखा इन संपत्तियों का मापन और मूल्यांकन कर रही है.

नोटों की बारिश ने मचाई सनसनी

छापेमारी के दौरान भुवनेश्वर के डुमडुमा में सारंगी के फ्लैट से नोटों की गड्डियां फेंकने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया. विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही उन्होंने फ्लैट में प्रवेश किया, सारंगी ने सबूत मिटाने की कोशिश में नकदी बाहर फेंक दी. हालांकि, अधिकारियों ने गवाहों की मौजूदगी में इसे बरामद कर लिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाई को और सुर्खियों में ला दिया.

जांच में क्या हुआ खुलासा?

विजिलेंस ने अंगुल के विशेष जज द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर सात स्थानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की थी. इनमें सारंगी का करदागड़िया और मटियासाही में घर, भुवनेश्वर और सिउला में फ्लैट, उनके रिश्तेदारों का घर, पैतृक संपत्ति और भुवनेश्वर में उनके कार्यालय कक्ष शामिल हैं. जांच में शामिल 26 सदस्यीय दल में आठ डीएसपी, 12 इंस्पेक्टर और छह सहायक उप-निरीक्षक शामिल हैं.

विजिलेंस निदेशक यशवंत कुमार जेठवा ने कहा, “बरामद संपत्तियां आय से अधिक प्रतीत होती हैं. विश्वसनीय जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की गई थी.” उन्होंने बताया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और और संपत्तियां सामने आ सकती हैं.

सारंगी का करियर

सारंगी ने 1991 में पंचायती राज विभाग में 2,000 रुपये मासिक वेतन पर स्टाइपेंडरी इंजीनियर के रूप में सरकारी सेवा शुरू की थी. 1999 में सहायक अभियंता के रूप में नियमित होने के बाद, उन्होंने सुंदरगढ़, तालचेर और अन्य स्थानों पर काम किया. 2014 में सहायक कार्यकारी अभियंता और 2016 में कार्यकारी अभियंता बने. जनवरी 2023 में अतिरिक्त मुख्य अभियंता और फरवरी 2025 में मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति मिली.

भ्रष्टाचार पर सख्ती

सारंगी का मामला ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है. हाल ही में, भुवनेश्वर में प्रवर्तन निदेशालय के एक उप-निदेशक को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. विजिलेंस ने कहा कि सारंगी की संपत्तियों की पूरी जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.

यह मामला न केवल भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि इतनी बड़ी संपत्ति कैसे जमा की गई. सोशल मीडिया पर लोग इसे व्यवस्था की विफलता और भ्रष्टाचार का प्रतीक बता रहे हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.