कोरोना के मामले फिर बढ़े: भारत में 257 सक्रिय मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क

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नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर हल्की वृद्धि देखी जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक देश में 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से अधिकांश मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से सामने आए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे सामान्य मौसमी उतार-चढ़ाव का हिस्सा बताया है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 12 से 19 मई के बीच देश में 164 नए मामले सामने आए, जिनमें केरल में 95, तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 मामले शामिल हैं. ये मामले मुख्य रूप से जेएन.1 वेरिएंट और इसके उप-वेरिएंट्स एलएफ.7 और एनबी.1.8 से जुड़े हैं, जो ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जेएन.1 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में वर्गीकृत किया है, लेकिन इसे अभी तक गंभीर खतरे के रूप में नहीं माना गया है. अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और थकान, देखे गए हैं, और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है.

हालांकि भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों, जैसे सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड में मामलों में तेज वृद्धि ने भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है. सिंगापुर में अप्रैल के अंत में 11,100 मामले थे, जो मई की शुरुआत में बढ़कर 14,200 हो गए. हांगकांग में भी अप्रैल से मई के बीच सकारात्मक नमूनों का प्रतिशत 6.21 से बढ़कर 13.66 हो गया. विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंख्या में घटती प्रतिरक्षा और नए वेरिएंट्स इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं.

केंद्र सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, और सभी मामले हल्के हैं. फिर भी, नागरिकों से मास्क पहनने, नियमित रूप से हाथ धोने और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी गई है. विशेष रूप से बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बूस्टर खुराक लेने की सिफारिश की गई है.

मुंबई में दो कोविड पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु की खबरें सामने आईं, लेकिन बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने स्पष्ट किया कि ये मौतें अन्य गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर और किडनी रोग, के कारण हुईं, न कि कोविड-19 के कारण. बीएमसी ने नागरिकों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है. शहर के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए विशेष बेड और आईसीयू की व्यवस्था की गई है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 अब एक स्थानिक (एंडेमिक) बीमारी बन चुकी है, और समय-समय पर मामलों में वृद्धि सामान्य है. डॉ. तुषार तायल, गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा सलाहकार, ने कहा, “भारत में मामले अभी भी बहुत कम हैं, और इनका कोई गंभीर प्रभाव नहीं दिख रहा है. फिर भी, हमें सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को.”

नागरिकों से अपील की गई है कि वे कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने और टीकाकरण अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके.

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