विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के नेतृत्व, विशेष रूप से सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व एक “कट्टर धार्मिक दृष्टिकोण” से प्रेरित है. यह बयान 7 मई को शुरू हुए चार दिवसीय भारत-पाक संघर्ष के बाद आया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत शुरू किया गया था.
डच प्रसारक एनओएस को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने बताया कि पहलगाम नरसंहार पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाया. उन्होंने कहा, “उनके धर्म की पुष्टि करने के बाद 26 लोगों की उनके परिवारों के सामने हत्या कर दी गई. धार्मिक विद्वेष फैलाने के लिए जानबूझकर धर्म का तत्व शामिल किया गया.”
जयशंकर ने आगे कहा, “पाकिस्तानी नेतृत्व, खासकर सेना प्रमुख, कट्टर धार्मिक विचारों से प्रेरित है. उनके विचारों और कार्यों के बीच स्पष्ट संबंध है.”
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान इसलिए जारी है क्योंकि इसमें एक स्पष्ट संदेश है. “यदि 22 अप्रैल जैसे हमले होंगे, तो इसका जवाब दिया जाएगा. हम आतंकवादियों को निशाना बनाएंगे, चाहे वे कहीं भी हों. यदि वे पाकिस्तान में हैं, तो हम उन्हें वहीं मारेंगे.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में दोनों पक्षों के बीच लड़ाई और सैन्य कार्रवाई पर सहमति से रोक लगी है.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर जयशंकर की सलाह: ‘जल्दबाजी न करें’
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है, जो अपने हितों के आधार पर निर्णय लेता है. “हम अभी व्यापार वार्ताओं के बीच में हैं. यह प्रक्रिया चल रही है, इसलिए हमें इंतजार करना होगा. बीच में कोई आंशिक जानकारी नहीं दी जा सकती. दोनों पक्षों के लिए एक ऐसा समझौता होना चाहिए, जो हमारे लिए भी उतना ही लाभकारी हो जितना उनके लिए. जल्दबाजी न करें, धैर्य रखें.”