भारत ने पाकिस्तान की आलोचना का दिया कड़ा जवाब: मोदी के बयान पर उठे सवाल

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नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू और कश्मीर पर दिए गए बयान की आलोचना का कड़ा जवाब दिया. यह बयान हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक साक्षात्कार में दिया गया था. इस साक्षात्कार में, मोदी ने पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों की बार-बार विफलता पर चर्चा की और कहा कि “शांति के लिए हर Noble प्रयास को दुश्मनी और विश्वासघात का सामना करना पड़ा,” साथ ही यह भी आशा व्यक्त की कि “इस्लामाबाद के नेतृत्व पर बुद्धिमानी का प्रभाव पड़ेगा और वे शांति के मार्ग को चुनेंगे.”

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने मोदी के बयानों को “भ्रामक और एकतरफा” बताते हुए एक बयान जारी किया. उन्होंने भारत पर कश्मीर विवाद को नजरअंदाज करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. बयान में कहा गया, “ये टिप्पणियाँ जम्मू और कश्मीर विवाद को conveniently छोड़ देती हैं, जो पिछले सात दशकों से अनसुलझा है.” पाकिस्तान ने भारत पर “राज्य-संरक्षित दमन” और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का भी आरोप लगाया.

भारत की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि ध्यान आतंकवाद समाप्त करने और अवैध कब्जे में भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होना चाहिए. MEA के प्रवक्ता रंधीर जैस्वाल ने कहा, “हम देखते हैं कि पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू और कश्मीर के बारे में कुछ टिप्पणियाँ की हैं. लेकिन दुनिया जानती है कि असली मुद्दा पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना है. यही क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का सबसे बड़ा रोडब्लॉक है.”

भारतपाकिस्तान संबंधों में तनाव

भारत ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त करके जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. तब से व्यापार और कूटनीतिक संबंध भी ठंडे पड़े हैं.

इस प्रकार, भारत ने स्पष्ट किया है कि जम्मू और कश्मीर हमेशा से उसका अभिन्न हिस्सा रहेगा, जबकि पाकिस्तान को अपनी अवैध कब्जे वाली भूमि को खाली करना चाहिए.

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