नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच केंद्र सरकार ने 7 मई को देशभर में सैन्य अभ्यास की घोषणा की. यह अभ्यास 259 जगहों पर होगा. इसमें दिल्ली, पंजाब, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं. पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया गया है.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत-पाक तनाव बढ़ गया. यह अभ्यास 1971 के बाद पहला ऐसा आयोजन है. इसमें हवाई हमले की चेतावनी सायरन, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल और नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को एक अहम बैठक की. इसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस प्रमुख शामिल हुए. 2010 में अधिसूचित 244 सिविल डिफेंस जिलों पर खास ध्यान है. ये जिले राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में हैं.
अभ्यास में बहु-खतरनाक परिदृश्यों का अनुकरण होगा. नागरिकों को हवाई सायरन का जवाब देना सिखाया जाएगा. ब्लैकआउट के दौरान क्या करना है, इसकी भी ट्रेनिंग होगी. अधिकारियों ने घरों में मेडिकल किट, टॉर्च, मोमबत्ती और नकदी तैयार रखने को कहा है.
गृह मंत्रालय ने 5 मई को राज्यों को यह अभ्यास करने का निर्देश दिया. 244 सिविल डिफेंस स्थानों की स्थिति की समीक्षा हो रही है. 100 से ज्यादा स्थान अति संवेदनशील हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमलावरों को कड़ी सजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि दोषियों को “कल्पना से परे” सजा दी जाएगी. पाकिस्तान ने भी जवाब में कड़ा रुख अपनाया. उसने “तेज और कड़ा जवाब” देने की चेतावनी दी.
प्रधानमंत्री ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं. भारत हमले के जवाब में विकल्प तलाश रहा है. दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स सक्रिय हैं. ये ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन में मदद करते हैं.
