नई दिल्ली: भारत का रक्षा बजट 2025-26 में और मजबूत होने जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़ी जाएगी. यह राशि एक पूरक बजट के जरिए आएगी. इसका इस्तेमाल अनुसंधान, विकास और आधुनिक हथियारों की खरीद में होगा.
इसके साथ ही रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा. इस साल के आम बजट में पहले ही 6.81 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे. यह पिछले साल के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.2 फीसदी ज्यादा है.
सूत्रों के मुताबिक, इस बढ़ोतरी को संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है. नए हथियार, गोला-बारूद और जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे. मेक इन इंडिया नीति के तहत भारतीय कंपनियों से खरीद पर जोर होगा.
एक अधिकारी ने कहा, “संघर्ष के बाद ऐसी बढ़ोतरी आम है. अप्रत्याशित खर्चों के कारण यह जरूरी हो जाता है. मेक इन इंडिया अब तेजी से आगे बढ़ रहा है. नई रणनीतियां बन रही हैं. स्टॉक को फिर से भरना होगा. क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए उपकरणों की मरम्मत या प्रतिस्थापन भी होगा.”
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले दस साल में रक्षा खर्च को प्राथमिकता दी है. 2014-15 में रक्षा बजट 2.29 लाख करोड़ रुपये था. 2025-26 का बजट सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा है. यह कुल बजट का 13 फीसदी है.
अधिकारी ने कहा, “रक्षा तैयारियां बेहद जरूरी हैं. ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया. पश्चिमी सीमा पर स्थायी शांति की उम्मीद नहीं है. गोलीबारी रुकी है, लेकिन कूटनीतिक तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान को सैन्य हार का दर्द है. वह भारत से बदला लेने की कोशिश करेगा.”
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा क्षमता को दुनिया के सामने रखा. अब यह अतिरिक्त बजट सेना को और ताकत देगा. आतंकवाद और बाहरी खतरों के खिलाफ भारत का रुख और सख्त होगा.
