अमृतसर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा बंद होने से एक ईरानी महिला पर्यटक अटारी में फंस गई है. अपनी वैन में यात्रा कर रही एल्हम, जो भारत को अपना दूसरा घर मानती हैं, अब घर लौटने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उनकी वीजा अवधि कुछ ही दिनों में खत्म हो रही है, और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मदद की भावुक अपील की है.
एल्हम फरवरी में अपनी वैन से पाकिस्तान के रास्ते भारत आई थीं. वह दूसरी बार भारत यात्रा पर हैं और यहां के लोगों व संस्कृति से गहरा लगाव रखती हैं. लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, ने उनकी योजना को झटका दिया. भारत ने जवाबी कार्रवाई में अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया, जिससे एल्हम का ईरान लौटने का एकमात्र रास्ता रुक गया.
“मैं अपनी वैन में सो रही हूँ और बहुत परेशान हूँ. मैंने भारत में पढ़ाई की है और पहलगाम हमले पर मैं रो पड़ी थी. लेकिन अब मेरा वीजा खत्म होने वाला है. मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह से अनुरोध करती हूँ कि मुझे मेरे देश लौटने में मदद करें,” एल्हम ने इंडिया टुडे को बताया.
सीमा पर अधिकारियों ने बताया कि केवल पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों को ही वाघा के रास्ते जाने की अनुमति है. एल्हम ने कहा, “यह मेरे लिए एकमात्र रास्ता है. मैं पर्यटक हूँ, कोई खतरा नहीं. भारत मेरा दूसरा घर है, लेकिन मुझे अपने देश लौटना होगा.”
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया गया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए. अटारी सीमा बंद होने से व्यापार भी ठप है.