नई दिल्ली: आज के दौर में जिम और फिटनेस का चलन तेजी से बढ़ रहा है. युवा हों या अधेड़, हर कोई जिम में पसीना बहाते नजर आता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह फिटनेस के प्रति जागरूकता का परिणाम है, या इंस्टाग्राम पर जिम के कपड़ों में फोटो और वीडियो डालने की होड़? विशेषज्ञों का मानना है कि जिम का यह ट्रेंड स्वास्थ्य के साथ-साथ सोशल मीडिया की चकाचौंध से भी प्रेरित है.
फिटनेस या फोटो सेशन?
पिछले कुछ वर्षों में जिम और वर्कआउट का चलन भारत में जबरदस्त ढंग से बढ़ा है. शहरी क्षेत्रों में जिम की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, और लोग कार्डियो, वेटलिफ्टिंग, योग और जुम्बा जैसी गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम, ने इस ट्रेंड को नया रंग दिया है. युवा जिम में वर्कआउट के दौरान स्टाइलिश जिमवेयर में तस्वीरें और रील्स बनाकर पोस्ट कर रहे हैं. कई मामलों में, फिटनेस से ज्यादा इन पोस्ट्स का मकसद लाइक्स, कमेंट्स और फॉलोअर्स बढ़ाना होता है.
फिटनेस ट्रेनर राकेश शर्मा कहते हैं, “कई लोग जिम में सिर्फ इसलिए आते हैं ताकि वे अच्छी तस्वीरें खींच सकें. लेकिन जो लोग नियमित और मेहनत से वर्कआउट करते हैं, उनके लिए यह जीवनशैली का हिस्सा है.” उन्होंने बताया कि जिम में नए लोग अक्सर महंगे जिमवेयर और ब्रांडेड एक्सेसरीज के साथ आते हैं, लेकिन कुछ समय बाद उनकी प्राथमिकता बदल जाती है.
स्वास्थ्य जागरूकता में बढ़ोतरी
हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि फिटनेस के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है. कोविड-19 महामारी के बाद लोगों ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना शुरू किया. मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों के बढ़ते मामलों ने भी लोगों को जिम की ओर आकर्षित किया है. दिल्ली की एक जिम मालिक प्रिया मेहरा के अनुसार, “महामारी के बाद से हमारे जिम में 40% ज्यादा लोग जुड़े हैं. खासकर 30 से 45 साल के लोग अब नियमित व्यायाम को गंभीरता से ले रहे हैं.”
सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया ने फिटनेस को एक स्टेटस सिंबल बना दिया है. इंस्टाग्राम पर #Fitness, #GymLife और #Workout जैसे हैशटैग के साथ लाखों पोस्ट्स मौजूद हैं. फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स और सेलेब्रिटीज द्वारा शेयर किए गए वीडियो युवाओं को जिमवेयर में पोज देने और वर्कआउट रील्स बनाने के लिए प्रेरित करते हैं. दिल्ली के कॉलेज छात्र आयुष बताते हैं, “जिम में वर्कआउट करने के बाद रील बनाना मजेदार है. इससे मेरे दोस्तों को भी प्रेरणा मिलती है. लेकिन हां, कभी-कभी लाइक्स के चक्कर में ज्यादा समय फोटो खींचने में चला जाता है.”
विशेषज्ञों की चेतावनी
हालांकि जिम का चलन सकारात्मक है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि गलत तरीके से व्यायाम या सिर्फ दिखावे के लिए जिम जाना नुकसानदायक हो सकता है. न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनीता वर्मा कहती हैं, “कई लोग बिना ट्रेनर की सलाह के भारी वजन उठाते हैं या गलत डाइट फॉलो करते हैं, जिससे चोट या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. फिटनेस का मतलब सिर्फ अच्छा दिखना नहीं, बल्कि स्वस्थ रहना भी है.”
जिम का ट्रेंड निश्चित रूप से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को दर्शाता है, लेकिन सोशल मीडिया ने इसे एक फैशन स्टेटमेंट बना दिया है. कुछ लोग फिटनेस को जीवन का हिस्सा मानते हैं, जबकि अन्य के लिए यह सिर्फ इंस्टाग्राम पर चमकने का जरिया है. यह ट्रेंड तब तक सकारात्मक है, जब तक इसका लक्ष्य केवल दिखावा न हो.