ट्रैवल व्लॉगर और अभिनेत्री शहनाज ट्रेजरी ने हाल ही में बाली में एक शानदार विला का वीडियो टूर साझा किया और इसकी तुलना मुंबई में अपने छोटे से फ्लैट से की. उन्होंने बताया कि इस विशाल विला का मासिक किराया, जिसमें निजी स्विमिंग पूल और बगीचा शामिल है, उनके मुंबई के 1 BHK अपार्टमेंट के किराए से कम है. इस तुलना ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी.
शहनाज ने अपने दोस्त के बाली स्थित विला का दौरा किया और दोनों शहरों में रहन-सहन की लागत की तुलना की. वीडियो में विला का छोटा सा टूर देते हुए उन्होंने कहा, “मैं मुंबई में अपने 1 BHK अपार्टमेंट के लिए इससे ज्यादा किराया देती हूँ, जितना मेरी दोस्त बाली में इस विला के लिए देती है.” हरे-भरे जंगलों, खूबसूरत लॉन, विशाल कमरों और निजी पूल को दिखाते हुए उन्होंने जोड़ा, “सोचिए, यहाँ रहना मुंबई के एक छोटे से फ्लैट में रहने से कहीं सस्ता है, जहाँ समुद्र तट से 10 मिनट की दूरी पर भी ट्रैफिक, प्रदूषण और खराब सड़कें हैं.”
हालाँकि, उनकी यह पोस्ट कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को पसंद नहीं आई. कुछ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें बाली चले जाना चाहिए. एक यूजर ने टिप्पणी की, “बाली चली जाओ. मुंबई और भारत तुम्हारे bिना खुश रहेंगे. बार-बार भारत की बुराई क्यों करती हो?” एक अन्य ने लिखा, “लोगों की भीड़ बढ़ने से बाली भी माँग और आपूर्ति के कारण महँगा हो जाएगा. यह समय की बात है. तब तक वहाँ का आनंद लो.” एक और टिप्पणी थी, “तो बाली चली जाओ, कौन रोक रहा है?”
शहनाज ने यह भी बताया कि कई भारतीय बाली की ओर क्यों आकर्षित हो रहे हैं. उनके अनुसार, सबसे बड़ा कारण है वहाँ की कम लागत में उच्च जीवन स्तर. परिवहन, भोजन और मसाज जैसी सुविधाएँ किफायती हैं, फिर भी जीवन की गुणवत्ता बेहतर है. इसके अलावा, बाली को इंडोनेशिया की वेलनेस राजधानी माना जाता है. यहाँ योग कोर्स, हीलिंग रिट्रीट, पौष्टिक भोजन परोसने वाले कैफे और शहर की भागदौड़ से थके लोगों के लिए शांति उपलब्ध है.
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शहनाज ने बाली को हनीमून डेस्टिनेशन के साथ-साथ रिमोट वर्क करने वालों, उद्यमियों और डिजिटल क्रिएटर्स के लिए एक वैश्विक केंद्र बताया. उन्होंने कहा कि बाली की हिंदू जड़ें यहाँ मंदिरों, रीति-रिवाजों और दैनिक पूजा-अर्चना के माध्यम से समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करती हैं.
यह तुलना न केवल बाली और मुंबई के बीच लागत के अंतर को उजागर करती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि जीवनशैली और सुकून के लिए लोग अब नई जगहों की तलाश क्यों कर रहे हैं.