जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं, सचिन पायलट और अशोक गहलोत, ने शनिवार, 7 जून 2025 को जयपुर में मुलाकात कर वर्षों की तल्खी को कम करने का संकेत दिया. यह मुलाकात सचिन के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि से पहले हुई.
पायलट ने गहलोत के सिविल लाइंस स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की और उन्हें 11 जून को दौसा में आयोजित राजेश पायलट की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने का निमंत्रण दिया. यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली, जो दोनों नेताओं के बीच वर्षों बाद पहली सार्वजनिक बातचीत थी.
राजेश पायलट, जो दौसा से सांसद थे, की 2000 में एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी. गहलोत ने X पर इस मुलाकात का एक वीडियो साझा करते हुए राजेश पायलट के साथ अपनी पुरानी यादें ताजा कीं. उन्होंने लिखा, “सचिन पायलट ने मुझे राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में आमंत्रित किया. हम 1980 में एक साथ लोकसभा पहुंचे और 18 साल तक सांसद रहे. उनका अचानक निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति था.”
पायलट ने भी X पर मुलाकात की तस्वीर साझा की और लिखा, “आज पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मुलाकात की. 11 जून को दौसा में मेरे पिता स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह में उन्हें आमंत्रित किया.” दोनों नेताओं के बीच 2018 के बाद से तनाव रहा, जब गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया और पायलट को उपमुख्यमंत्री की भूमिका दी गई. 2020 में पायलट के नेतृत्व में बगावत ने इस तनाव को चरम पर पहुंचा दिया.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह मुलाकात राजस्थान में पार्टी की एकता को मजबूत करने की दिशा में एक कदम हो सकती है. हालांकि, दोनों नेताओं ने सुलह पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गहलोत की इस समारोह में मौजूदगी इस मुलाकात के महत्व को और बढ़ा सकती है.
राजस्थान कांग्रेस के सामने अब संगठनात्मक बदलाव और आगामी चुनावी चुनौतियां हैं. इस मुलाकात ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगाई है कि पायलट और गहलोत एकजुट होकर राज्य में कांग्रेस को मजबूत करेंगे.