पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से छह साल के लिए निष्कासित किए गए तेज प्रताप यादव ने अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के नाम एक भावुक संदेश साझा किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे इस संदेश में तेज प्रताप ने अपने माता-पिता को अपनी ‘पूरी दुनिया’ बताते हुए उनका विश्वास और प्यार मांगा. यह उनकी ओर से पार्टी और परिवार से निष्कासन के बाद पहला सार्वजनिक बयान है, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के कुछ नेताओं को ‘जयचंद’ करार देकर निशाना साधा.
तेज प्रताप ने लिखा, “मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में समाई है. भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश. आप हैं तो सब कुछ है मेरे पास. मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए, न कि कुछ और. पापा, आप न होते तो न ये पार्टी होती और न मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लोग.” उन्होंने अपने माता-पिता के लिए लंबी उम्र और खुशी की कामना भी की.
25 मई, 2025 को RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. इसकी वजह तेज प्रताप के फेसबुक अकाउंट पर एक विवादास्पद पोस्ट थी, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ 12 साल के रिश्ते का दावा किया था. इस पोस्ट में तेज प्रताप और अनुष्का की तस्वीरें भी थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. हालांकि, तेज प्रताप ने बाद में दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरें एडिट की गई थीं, जिसका मकसद उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करना था.
लालू प्रसाद ने एक्स पर लिखा था, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय के लिए हमारे सामूहिक संघर्ष को कमजोर करती है. मेरे बड़े बेटे की गतिविधियां, सार्वजनिक आचरण और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं के अनुरूप नहीं हैं. इसलिए, मैं उन्हें पार्टी और परिवार से हटाता हूं. अब से उनकी पार्टी और परिवार में कोई भूमिका नहीं होगी.”
इस निष्कासन ने लालू परिवार में तनाव को उजागर कर दिया है. तेज प्रताप के छोटे भाई और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने पिता के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “मैं ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकता. निजी और सार्वजनिक जीवन अलग-अलग हैं. मेरा भाई वयस्क है और अपने निजी जीवन के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है.”
वहीं, तेज प्रताप की इस पोस्ट ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. कुछ लोगों का मानना है कि यह पोस्ट परिवार के भीतर और पार्टी में उनकी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश थी, जबकि अन्य इसे भावनात्मक अपील मान रहे हैं. तेज प्रताप ने हाल ही में अपने भाई तेजस्वी को उनके दूसरे बच्चे के जन्म पर बधाई दी थी, जिससे परिवार के साथ उनके भावनात्मक रिश्ते की झलक मिलती है.
तेज प्रताप का विवादों से पुराना नाता रहा है. 2018 में उन्होंने पूर्व बिहार मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती ऐश्वर्या राय से शादी की थी, लेकिन कुछ महीनों बाद ही यह रिश्ता टूट गया. ऐश्वर्या ने तेज प्रताप और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. यह मामला अभी भी पटना के पारिवारिक न्यायालय में लंबित है. अनुष्का यादव के साथ वायरल पोस्ट ने ऐश्वर्या के साथ उनके विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया.
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर लालू प्रसाद के फैसले की आलोचना की है. जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “लालू जी का यह फैसला दिखावटी है. ऐश्वर्या के साथ हुए अन्याय पर उनकी नैतिकता क्यों नहीं जागी? यह चुनाव से पहले जनता को गुमराह करने की कोशिश है.” वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता असीत नाथ तिवारी ने कहा कि तेज प्रताप को सच्चाई बोलने की सजा मिली है.
कुछ RJD नेताओं का मानना है कि तेज प्रताप का निष्कासन अस्थायी हो सकता है, लेकिन अगर वे जेडी(यू) या बीजेपी जैसे दलों में शामिल हो गए, तो यह पार्टी के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है.
हसनपुर से विधायक तेज प्रताप ने हमेशा अपने पिता और माता के प्रति वफादारी दिखाई है, लेकिन उनकी अप्रत्याशित टिप्पणियां और व्यवहार अक्सर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं. 2022 में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक को ‘आरएसएस एजेंट’ कहकर विवाद खड़ा किया था. उनकी इस भावुक पोस्ट से साफ है कि वे अपने माता-पिता के समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि लालू और राबड़ी इस पर क्या रुख अपनाते हैं.
बिहार की सियासत में तेज प्रताप का यह भावुक संदेश चर्चा का विषय बना हुआ है. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पारिवारिक और राजनीतिक ड्रामा RJD और लालू परिवार की रणनीति को कैसे प्रभावित करता है.