NEET PG 2025 अब 3 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतिम मंजूरी

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय चिकित्सा परीक्षा बोर्ड (NBE) को NEET PG 2025 परीक्षा को स्थगित कर 3 अगस्त को आयोजित करने की अनुमति दे दी है. यह परीक्षा पहले 15 जून को होने वाली थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब और कोई समय विस्तार नहीं दिया जाएगा.

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने NBE की ओर से दायर समय विस्तार की अर्जी को मंजूर किया. कोर्ट ने कहा कि NBE का अनुरोध तकनीकी बाधाओं पर आधारित है. कोर्ट ने नोट किया, “NBE ने कहा कि उनके तकनीकी साझेदार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के अनुसार 3 अगस्त सबसे जल्द संभव तारीख है.”

NBE के दस्तावेजों की समीक्षा के बाद कोर्ट ने कहा, “दस्तावेजों को देखने के बाद हमें संतुष्टि हुई है कि समय विस्तार और पुनर्निर्धारण का अनुरोध वास्तविक है.” कोर्ट ने यह भी कहा, “हमारे पिछले आदेश में दी गई समय सीमा को बढ़ाया जाता है, लेकिन अब कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा.”

सुनवाई के दौरान, खंडपीठ ने शुरू में NBE से पूछा कि परीक्षा को 3 अगस्त तक स्थगित करने की आवश्यकता क्यों है. NBE के वकील ने बताया कि पहले यह परीक्षा 450 केंद्रों पर 2.5 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए निर्धारित थी. लेकिन कोर्ट के एकल पाली में परीक्षा आयोजित करने के निर्देश के बाद, अब केंद्रों की संख्या दोगुनी करनी होगी. उपयुक्त केंद्रों की पहचान और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त समय चाहिए. इसके अलावा, उम्मीदवारों को नए केंद्रों की जानकारी देना और उनकी पसंद के अनुसार चयन प्रक्रिया भी समय लेने वाली है.

NBE ने पहले कोर्ट को बताया था कि 3 अगस्त से पहले परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं होगा. यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद आया था जिसमें कहा गया था कि NEET PG को देश भर में एकल पाली में आयोजित करना होगा, न कि पिछले साल की तरह दो पालियों में.

NBE ने अपने हलफनामे में कहा कि 3 अगस्त तक का समय उचित योजना के लिए महत्वपूर्ण है. TCS ने बताया कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा के लिए व्यापक समन्वय की जरूरत है, जिसमें सिस्टम ऑपरेटर, लैब मैनेजर, रजिस्ट्रेशन स्टाफ और इलेक्ट्रीशियन जैसे कर्मियों की व्यवस्था शामिल है.

NBE ने यह भी जोर दिया कि NEET PG एक उच्च जोखिम वाली परीक्षा है और किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाने चाहिए. इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय और केंद्रों की कड़ी निगरानी शामिल है.

एकल पाली की मांग यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट की याचिका के बाद आई, जिसमें तर्क दिया गया था कि अलग-अलग पालियों से प्रश्नों की कठिनाई में अंतर हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस चिंता से सहमति जताते हुए बहु-पाली प्रारूप में अनुचितता के जोखिम को स्वीकार किया.

NBE ने 3 अगस्त को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब कोर्ट ने अंतिम मंजूरी दे दी है.

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