नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के वैश्विक प्रचार अभियान पर एक कॉलम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है, उन्हें भारत की “महत्वपूर्ण संपत्ति” करार देते हुए उनकी ऊर्जा, गतिशीलता और वैश्विक मंच पर सक्रियता की सराहना की.
थरूर, जो हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के लिए पांच देशों के दौरे से लौटे, ने द हिंदू में लिखे अपने कॉलम में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ाव की इच्छा भारत के लिए वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, लेकिन इसे और समर्थन की जरूरत है.” उन्होंने इस अभियान को भारत की एकता को दर्शाने वाला बताया.
थरूर ने लिखा कि इस दौरे से उन्हें एकता की ताकत, स्पष्ट संवाद की प्रभावशीलता, सॉफ्ट पावर का रणनीतिक मूल्य और निरंतर सार्वजनिक कूटनीति की आवश्यकता का अहसास हुआ. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रौद्योगिकी, व्यापार और परंपरा (तीन टी) भारत की भविष्य की वैश्विक रणनीति को दिशा देनी चाहिए.
ऑपरेशन सिंदूर के प्रचार अभियान में थरूर की भागीदारी ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी बहस छेड़ दी थी. थरूर को अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा, खासकर जब उन्होंने मोदी सरकार की इस ऑपरेशन की हैंडलिंग की तारीफ की और यूपीए सरकार के समय की सर्जिकल स्ट्राइक को कमतर बताया.
थरूर ने अपने कॉलम में लिखा, “हमने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई आत्मरक्षा का वैध कदम थी, जो सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जरूरी प्रतिक्रिया थी. कई देशों की राजधानियों में इस कथन की सफलता देखी गई.” उन्होंने कोलंबिया के शुरुआती बयान का जिक्र किया, जिसमें उसने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हताहतों पर शोक जताया था. थरूर के कड़े विरोध के बाद कोलंबिया ने अपना बयान वापस लिया. उन्होंने लिखा, “इससे साबित हुआ कि धैर्यपूर्वक और लगातार तथ्य पेश करने से गलतफहमियां या जानबूझकर फैलाई गई गलत सूचनाएं दूर हो सकती हैं.”
थरूर ने अमेरिका में अपने दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि उसी समय वाशिंगटन डीसी में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था. फिर भी, अमेरिकी प्रतिनिधियों ने भारत की चिंताओं का समर्थन किया और लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की. थरूर ने लिखा, “अमेरिका का रुख दर्शाता है कि भारत के तथ्य-आधारित तर्क और लगातार पैरवी ने शोर को पार कर भारत की स्थिति की वैधता को मजबूत किया.”
थरूर की टिप्पणियों ने कांग्रेस के भीतर विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने आलोचकों और ट्रोल्स पर अपने विचारों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके पास “इससे बेहतर काम हैं.” हाल ही में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेदों को स्वीकार किया, लेकिन पार्टी के साथ किसी बड़े विवाद से इनकार किया.
थरूर ने 11 जून को ऑपरेशन सिंदूर के प्रचार अभियान के बाद पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस अभियान के लिए सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.
थरूर का यह ताजा बयान भारत की वैश्विक कूटनीति में एकजुटता और रणनीतिक संवाद के महत्व को रेखांकित करता है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूती से रखा, जो वैश्विक मंच पर देश की बढ़ती साख को दर्शाता है.