पाकिस्तान अपनी परमाणु हथियार क्षमता को उन्नत कर रहा है, भारत को मानता है सबसे बड़ा खतरा: अमेरिकी रिपोर्ट

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वाशिंगटन: एक हालिया अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपनी परमाणु हथियार क्षमता को तेजी से उन्नत कर रहा है और भारत को अपने अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है. अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) द्वारा जारी 2025 की विश्व खतरा आकलन रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी सैन्य आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज कर रहा है, जिसमें युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले परमाणु हथियारों का विकास शामिल है, ताकि भारत की पारंपरिक सैन्य श्रेष्ठता का मुकाबला किया जा सके.

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान अपनी परमाणु सामग्री और कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम की सुरक्षा बनाए रखने के साथ-साथ परमाणु शस्त्रागार को आधुनिक बनाने में जुटा है. इसके लिए वह मुख्य रूप से चीन से सैन्य और आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहा है. पाकिस्तान द्वारा सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) के लिए सामग्री और तकनीक की खरीद भी विदेशी आपूर्तिकर्ताओं, विशेष रूप से चीन से की जा रही है, जो कभी-कभी हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के माध्यम से भेजी जाती है.

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकताओं में सीमा पार अपने पड़ोसियों के साथ झड़पों का प्रबंधन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूच राष्ट्रवादी उग्रवादियों के बढ़ते हमलों का जवाब देना, आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना और परमाणु आधुनिकीकरण को जारी रखना शामिल है. वर्ष 2024 में, पाकिस्तान में उग्रवादी हमलों में 2,500 से अधिक लोग मारे गए, जो देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को दर्शाता है.

इसके विपरीत, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं में चीन को अपना प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी मानता है, जबकि पाकिस्तान को एक गौण सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है. भारत अपनी “मेक इन इंडिया” पहल को बढ़ावा दे रहा है, जिसका उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करना, आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों को कम करना और सैन्य आधुनिकीकरण को गति देना है. हाल ही में भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि-आई प्राइम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल और अग्नि-वी मिसाइल का परीक्षण किया है, साथ ही अपनी दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को कमीशन किया है, जिससे उसकी परमाणु त्रय (न्यूक्लियर ट्रायड) और प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट में हाल की घटनाओं का भी जिक्र है, जिसमें अप्रैल 2024 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमले किए गए थे. इसके जवाब में 7 से 10 मई तक दोनों देशों के बीच मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने की भारी गोलीबारी हुई, जिसके बाद 10 मई को दोनों पक्षों ने पूर्ण युद्धविराम पर सहमति जताई. डीआईए ने चेतावनी दी है कि अस्थायी शांति के बावजूद, निरंतर संवाद की कमी और दोनों पक्षों की बढ़ती सैन्य क्षमताओं के कारण भविष्य में तनाव बढ़ने का खतरा बना हुआ है.

पाकिस्तान ने कभी भी अपनी परमाणु नीति को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं किया है और उसने “नो फर्स्ट यूज” (पहले उपयोग न करने) की नीति को अपनाने से इनकार किया है, जो भारत की परमाणु नीति से अलग है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीतिक अस्पष्टता पाकिस्तान को क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करती है, लेकिन यह दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए जोखिम भी पैदा करती है.

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