भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट के तीसरे दिन अंपायर के फैसले पर असहमति जताने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने फटकार लगाई है.
आईसीसी ने पंत को कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल 1 के उल्लंघन का दोषी पाया. यह घटना इंग्लैंड की पहली पारी के 61वें ओवर में हुई, जब पंत ने गेंद की स्थिति को लेकर अंपायर पॉल रीफेल से बहस की. अंपायर ने गेंद को गेज से जांचने के बाद बदलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पंत ने नाराजगी में गेंद को जमीन पर फेंक दिया. आईसीसी ने इसे अंपायर के फैसले के खिलाफ असहमति का प्रदर्शन माना.
पंत को एक डिमेरिट पॉइंट दिया गया है, जो पिछले 24 महीनों में उनका पहला उल्लंघन है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली और मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा प्रस्तावित सजा को मंजूर किया, जिसके कारण औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी. लेवल 1 के उल्लंघन की सजा में आधिकारिक फटकार, अधिकतम 50% मैच फीस का जुर्माना, और एक या दो डिमेरिट पॉइंट शामिल हो सकते हैं.
इसके बावजूद, पंत ने हेडिंग्ले टेस्ट में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, दोनों पारियों में शतक जड़कर इतिहास रचा. वह भारत के पहले विकेटकीपर हैं, जिन्होंने एक ही टेस्ट में दो शतक बनाए. मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 350 रन चाहिए, और उसके पास सभी 10 विकेट बाकी हैं.
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कमेंट्री के दौरान पंत की हरकत को “निराशा” का परिणाम बताया. उन्होंने कहा, “जब आप बार-बार गेंद बदलने की मांग करते हैं, तो यह साफ है कि कुछ हो नहीं रहा. यह पंत की निराशा थी.” वहीं, इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्क बुचर ने इसे “बेवजह” करार दिया.
जैसे ही टेस्ट का अंतिम दिन शुरू हो रहा है, पंत का यह अनुशासनात्मक उल्लंघन चर्चा का विषय बना हुआ है. यह देखना बाकी है कि क्या भारत इस रोमांचक मुकाबले में जीत हासिल कर पाएगा.