सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून 2025 को कर्नाटक में कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ पर लगी पाबंदी को रद्द कर दिया, और राज्य सरकार को भीड़ के दबाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए कड़ी फटकार लगाई.
जस्टिस उज्जल भुइयां और मनमोहन की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस सुझाव की आलोचना की, जिसमें हासन से उनके बयान “कन्नड़ की उत्पत्ति तमिल से हुई” के लिए माफी मांगने को कहा गया था. यह बयान 24 मई को फिल्म के ऑडियो लॉन्च के दौरान दिया गया था. कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) और कन्नड़ समर्थक समूहों ने माफी की मांग की और थिएटर जलाने की धमकी दी, जिसके बाद राज्य की निष्क्रियता ने फिल्म पर अनौपचारिक प्रतिबंध लगा दिया, भले ही फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मंजूरी मिली थी.
कोर्ट ने मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट से अपने पास स्थानांतरित कर लिया और कहा कि CBFC-प्रमाणित फिल्मों को पूरे देश में रिलीज होना चाहिए. जस्टिस भुइयां ने कहा, “भीड़ और सतर्कता समूह सड़कों पर कब्जा नहीं कर सकते. अगर कोई बयान देता है, तो उसका जवाब बहस से दें, थिएटर जलाने की धमकी से नहीं.” कोर्ट ने कर्नाटक को फिल्म की रिलीज सुनिश्चित करने के लिए एक दिन का समय दिया.
विवाद तब शुरू हुआ जब हासन के बयान के बाद बेंगलुरु, हुब्बल्ली और मैसूरु में विरोध प्रदर्शन हुए. KFCC ने ठग लाइफ को कर्नाटक के थिएटरों में प्रदर्शित करने पर रोक लगा दी, और थिएटर मालिकों ने हिंसा के डर से फिल्म नहीं दिखाई. बेंगलुरु के निवासी एम. महेश रेड्डी की याचिका में तर्क दिया गया कि यह प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आजीविका के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
मणि रत्नम द्वारा निर्देशित ठग लाइफ 5 जून को देशभर में रिलीज हुई, लेकिन कर्नाटक में इसे रुकावटों का सामना करना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कानून के शासन की सर्वोच्चता को रेखांकित करता है और गैर–न्यायिक सेंसरशिप के खिलाफ एक मिसाल कायम करता है. अगली सुनवाई 19 जून को होगी.