मॉनसून की शुरुआत को प्रभावित कर सकता है खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र

दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना पूर्वी और दक्षिणी भारत विकास की संभावना पर निर्भर हो सकता है। शिक्षा 'ओ' अनुसंधान सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट (सीईसी) ने मंगलवार को यहां कहा कि अरब सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर छह जून को कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है।

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भुवनेश्वर। दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना पूर्वी और दक्षिणी भारत विकास की संभावना पर निर्भर हो सकता है। शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट (सीईसी) ने मंगलवार को यहां कहा कि अरब सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर छह जून को कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। सीईसी के निदेशक डॉ. एस.सी. साहू ने कहा कि कम दबाव प्रणालियों की तीव्रता और दिशा दक्षिण पश्चिम मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि दो से नौ जून के बीच दिन के तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है। डॉ. साहू ने कहा कि इस दौरान ओडिशा में बारिश के साथ छिटपुट आंधी की संभावना है।

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 इस दौरान ओडिशा के आंतरिक भागों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से कम और तटीय मैदानी इलाकों में तापमान 1 जून तक 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना रहेगा। इसके अलावा छिटपुट नॉर्वेस्टर, जिसे ‘कालबैसाखी’ के नाम से भी जाना जाता है, पूरे ओडिशा में हो सकता है। बंगाल की खाड़ी तथा उत्तर अरब सागर के ऊपर एंटीसाइक्लोन के कारण बहने वाली हवा से मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है।

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