वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर का एक आक्रामक रूप होने की पुष्टि हुई है, जो उनकी हड्डियों तक फैल चुका है. उनके कार्यालय ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि 82 वर्षीय बाइडेन को ग्लीसन स्कोर 9 के साथ ग्रेड ग्रुप 5 का कैंसर है, जो इस बीमारी की सबसे गंभीर श्रेणी में आता है. यह खबर उनके प्रशंसकों और दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है.
ग्लीसन स्कोर प्रोस्टेट कैंसर की गंभीरता को मापने का एक चिकित्सीय तरीका है. यह स्कोर 6 से 10 तक होता है और कैंसर कोशिकाओं की असामान्यता को माइक्रोस्कोप के तहत देखकर निर्धारित किया जाता है. बाइडेन का ग्लीसन स्कोर 9 होने का मतलब है कि कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं से बहुत अलग हैं और तेजी से बढ़ने व फैलने की संभावना रखती हैं. यह स्कोर ग्रेड ग्रुप 5 में आता है, जो उच्च जोखिम वाली श्रेणी है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का कैंसर मेटास्टेसिस (शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने) की अधिक संभावना रखता है.
पिछले हफ्ते बाइडेन को पेशाब करने में तकलीफ की शिकायत हुई, जिसके बाद नियमित जांच के दौरान उनके प्रोस्टेट में एक छोटी गांठ (नोड्यूल) पाई गई. आगे की जांच में पता चला कि यह कैंसर है, जो हड्डियों तक फैल चुका है. यह स्थिति स्टेज 4 कैंसर की श्रेणी में आती है, जो उपचार को जटिल बनाती है. फिर भी, उनके चिकित्सकों ने बताया कि कैंसर हार्मोन-संवेदनशील है, जिसका मतलब है कि हार्मोन थेरेपी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
बाइडेन और उनका परिवार वर्तमान में चिकित्सकों के साथ इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. चूंकि कैंसर हड्डियों तक फैल चुका है, सर्जरी आमतौर पर संभव नहीं होती. इसके बजाय, हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, या कीमोथेरेपी जैसे उपचारों पर विचार किया जा सकता है. हार्मोन थेरेपी पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है, जो कैंसर के विकास को धीमा कर सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के उपचार से बाइडेन कई वर्षों तक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं, हालांकि इसे पूरी तरह ठीक करना मुश्किल है.
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे आम कैंसरों में से एक है, खासकर बुजुर्ग पुरुषों में. अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के अनुसार, हर 8 में से 1 पुरुष को अपने जीवनकाल में यह कैंसर हो सकता है. सामान्य तौर पर, प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन बाइडेन के मामले में यह आक्रामक है. अगर इसे शुरुआती चरण में पकड़ लिया जाए, तो इसका इलाज आसान होता है, लेकिन मेटास्टेसिस होने पर उपचार जटिल हो जाता है.
बाइडेन का स्वास्थ्य पहले भी चर्चा में रहा है. 2023 में उनके सीने से एक कैंसरयुक्त त्वचा घाव को हटाया गया था, जो बेसल सेल कार्सिनोमा था. इसके अलावा, उनके बेटे ब्यू बाइडेन की 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई थी, जिसे बाइडेन ने इराक में बर्न पिट्स के संपर्क से जोड़ा था. उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भी सवाल उठे थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी.
फॉक्स चेस कैंसर सेंटर के डॉ. अलेक्जेंडर कुटिकोव ने कहा कि बाइडेन का कैंसर “बहुत दुर्लभ” और आक्रामक है. केवल 5-8% प्रोस्टेट कैंसर के मामले निदान के समय मेटास्टेसिस के साथ पाए जाते हैं. अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. विलियम दहुत ने बताया कि हड्डियों तक फैल चुके कैंसर को ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन प्रभावी उपचार से मरीज कई साल तक जीवित रह सकते हैं.
बाइडेन के निदान की खबर के बाद कई राजनेताओं और आम लोगों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, “जो एक योद्धा हैं, और मुझे विश्वास है कि वह इस चुनौती का सामना उसी साहस और आशावाद के साथ करेंगे.” सोशल मीडिया पर भी लोग उनके लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं, हालांकि कुछ ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है.