भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि तुर्की ने पाकिस्तान को न केवल 350 से अधिक ड्रोन मुहैया कराए, बल्कि सैन्य सलाहकार भी भेजे, जिन्होंने भारत के खिलाफ हमले की योजना बनाने में मदद की. यह जानकारी भारत की रक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है.
पाकिस्तान ने 7 और 8 मई की रात को भारत के पश्चिमी सीमा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए. इन हमलों में जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के 36 स्थानों को निशाना बनाया गया. भारतीय सेना ने इनमें से अधिकांश ड्रोन को मार गिराया या निष्क्रिय कर दिया, लेकिन जांच में पता चला कि ये तुर्की निर्मित असिसगार्ड सोंगर ड्रोन थे. इन ड्रोन्स का इस्तेमाल निगरानी, लक्ष्य चिह्नित करने और संभावित हमलों के लिए किया गया था.
सूत्रों के अनुसार, तुर्की के सैन्य विशेषज्ञों ने पाकिस्तानी सेना को ड्रोन हमलों की रणनीति तैयार करने में सहयोग दिया. दो तुर्की सैन्य सलाहकार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे भी गए, जिसे भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए शुरू किया था. तुर्की की इस भूमिका ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की गहरी साझेदारी को उजागर किया है, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है.
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि इन ड्रोन्स का मकसद भारत की हवाई रक्षा प्रणालियों की जांच करना और खुफिया जानकारी जुटाना था. उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने काइनेटिक और गैर-काइनेटिक तरीकों से इन हमलों को नाकाम कर दिया. ड्रोन मलबे की जांच से तुर्की की संलिप्तता स्पष्ट हुई है.”
पाकिस्तान ने इन हमलों में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन भारत ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा, “पाकिस्तान की यह दोहरा चरित्र अब कोई नई बात नहीं. वे नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, और तुर्की का समर्थन इस हमले को और खतरनाक बनाता है.”
तुर्की और पाकिस्तान का सैन्य गठजोड़ पहले से ही चर्चा में रहा है. हाल के वर्षों में तुर्की ने पाकिस्तान को बायरक्तर टीबी2 और अकिंजी ड्रोन जैसे उन्नत हथियारों की आपूर्ति की है. इसके अलावा, दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास और हथियार निर्माण में भी सहयोग कर रहे हैं. इस घटना के बाद भारत ने तुर्की के समाचार चैनल टीआरटी के X अकाउंट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया, जिसे पाकिस्तान के समर्थन में प्रचार का हिस्सा माना गया.
यह घटना भारत-पाकिस्तान तनाव को नई दिशा दे सकती है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता लागू होने के बावजूद सीमा पर तनाव बरकरार है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी उकसावे का कड़ा जवाब देगा, और तुर्की की भूमिका पर भी कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर जवाब देने की तैयारी कर रहा है.