प्रेम पर्व ‘भगोरिया’ की दस्तक

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देश डेस्क

होली  करीब आते ही मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़  में प्रेम  पर्व ‘भगोरिया’ की आहट सुनाई देने लगी है। आदिवासी  तैयारियों में जुटे हैं  है,  जहाँ मांदल बनाए जा रहे हैं,  वहीँ  युवक-युवतियां जीवन साथी की तलाश में लगे हैं|

मालवा-निमाड़ में भगोरिया हाट होली से लगभग एक सप्ताह पहले आयोजित किए जाते हैं। इसी माह के अंत में होली का दहन है और इससे एक सप्ताह पहले 21 मार्च से भगोरिया मेलों की शुरुआत होने वाली है।

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मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक भगोरिया मेला आदिवासी वर्ग के युवाओं और युवतियों के लिए खास होता हैं, क्योंकि वे अपने जीवन साथी का चुनाव करते हैं। भील युवक-युवतियां परंपरा का निर्वाहन करते हुए अपनी पसंद के साथी को इन मेलों में खोजते हैं।

इस मौके पर युवक की ओर से युवती को पान दिया जाता है और अगर युवती इसे स्वीकार कर लेती है तो मान लिया जाता है कि दोनों एक दूसरे को पसंद हैं। इसके बाद दोनों भाग जाते हैं और तब तक घर नहीं लौटते जब तक दोनों के परिवार वाले शादी की हामी नहीं भर देते।

मालवा-निमांड के बड़वानी, झाबुआ, अलिराजपुर, खरगोन, धार आदि के आदिवासी  इलाकों की होली के मौके पर रंगत ही अलग होती है और यह नजर भी आने लगी है, तैयारियां जारी हैं। भगोरिया हाट में खास तौर पर मांदल की थाप माहौल को और मादक बना देती हैं। यह मांदल भी बनाई जा रही हैं।

पढ़े लिखे युवक –युवतियां अब हलाकि नए परिधानों में अपने पारम्पर का पालन करते नजर आने लगे है|

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