ब्लैक फंगस ने आँत में किया छेद, दिल्ली में सामने आया मामला

ब्लैक फंगस आँत को भी नुकसान पहुँचाने लगा है, दिल्ली के दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में यह मामला सामने आया है| ब्लैक फंगस के इस तरह के नए संक्रमण ने डाक्टरों के सामने नै चुनौती रख दी है|   यह पहली बार देखा गया है कि ब्लैक फंगस ने निचली आँत को संक्रमित कर दिया और यहां तक कि उसमें छेद भी कर दिया।

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नई दिल्ली| ब्लैक फंगस आँत को भी नुकसान पहुँचाने लगा है, दिल्ली के दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में यह मामला सामने आया है| ब्लैक फंगस के इस तरह के नए संक्रमण ने डाक्टरों के सामने नै चुनौती रख दी है|

राजधानी के सर गंगा राम अस्पताल में ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) की इस  नई जटिलता का पता चला है|

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन  दोनों मरीजों का इलाज  इस  अस्पताल में एक हफ्ते से ज्यादा समय से चल रहा है। गंगा राम अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, यह पहली बार देखा गया है कि ब्लैक फंगस ने निचली आँत को संक्रमित कर दिया और यहां तक कि उसमें छेद भी कर दिया।

बताया गया कि  दिल्ली के रहने वाले  इस मरीज ने अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी ही की थी, कि उन्हें पेट में दर्द होना शुरू हो गया। उसे अपनी पत्नी के साथ ही कोरोना संक्रमण हो गया था। हालांकि शुरुआत में उसे कोरोना के हल्के लक्षण ही थे।

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि शुरू में तो रोगी के पेट में दर्द को गैस्ट्रिटिस या तनाव से संबंधित माना जा रहा था और इसके लिए साधारण दवा ली जा रही थी, जिससे उचित उपचार में तीन दिन की देरी हो गई।

इलाज कर रहे  डॉ. उशांत धीर  ने कहा, सीटी स्कैन से पता चला कि कुमार की छोटी आँत (जेजुनम) में छेद हो गया था। उनकी कोविड की बीमारी भी अब गंभीर हो गई थी और वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता हो गई थी। मरीज को भर्ती कराया गया और सर्जरी के लिए तत्काल ले जाया गया।

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डॉ धीर के अनुसार, रोगी में जेजुनम (छोटी आँत का पहला भाग) के अल्सरेशन ने फंगल रोग को लेकर मेरा संदेह बढ़ा दिया और इसके बाद तुरंत रोगी का एंटी-फंगल उपचार शुरू कर दिया गया। हमने निकाली गई आंत का एक हिस्सा बायोप्सी के लिए भेजा।

एक अन्य मरीज को कोविड से ठीक  होने के बाद  पेट में हल्का दर्द होने लगा। मरीज मधुमेह रोगी है और कोविड के इलाज के लिए स्टेरॉयड दिया गया था।

इलाज कर रहे डॉ. पीयूष रंजन ने रोगी के लिए एक तत्काल सीटी स्कैन कराने की सलाह दी।
इन दोनों रोगियों को कोविड था और उन्हें मधुमेह भी था, लेकिन उनमें से केवल एक को ही स्टेरॉयड दिया गया था।

बता दें भारत में अब तक लगभग 8,848 म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले सामने आए हैं, जो कोविड-19 से उबरने वालों में तेजी से फैलने वाले संक्रमणों में से एक है।  गुजरात में सबसे अधिक 2,281 ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (2,000), आंध्र प्रदेश (910), मध्य प्रदेश (720) राजस्थान (700), कर्नाटक (5,00), हरियाणा (250), दिल्ली (197), पंजाब ( 95), छत्तीसगढ़ (87), बिहार (56), तमिलनाडु (40), केरल (36), झारखंड (27), ओडिशा (15), गोवा (12) और चंडीगढ़ (8) का स्थान है।

पूर्वोत्तर में ब्लैक फंगस से पहली मौत दर्ज
प्रतीकात्मक तस्वीर

छत्तीसगढ़ में अब तक ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 102 हो चुकी है, जो अभी और बढ़ने की आशंका है।  फंगस की शिकायत के बाद एम्स पहुंचे करीब 25 लोगों की सर्जरी की जा चुकी है, जिनमें कुछ मरीजों की एक आंख तथा एक मरीज के दिमाग तक फंगस पहुंच चुका था। एम्स के अलावा आंबेडकर अस्पताल में 6 तथा कुछ निजी अस्पतालों में इस तरह की शिकायत लेकर आने वालों का इलाज चल रहा है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल काॅलेजों में इसके इलाज की सुविधा दी गई है और जल्दी ही इसे आयुष्मान योजना में शामिल करने की तैयारी की जा रही है।

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