बच्चों को सिखाएं ये अच्छी आदतें

माता-पिता बच्चे के पहले गुरू होते हैं। बच्चे वहीं आदतें और बातें सीखते हैं जो उनके बड़े उनको सिखाते हैं। कई बार आप ने देखा होगा कि छोटे बच्चे आपके कहे हुए कुछ शब्दों का इस्तेमाल झट से करने लगतें हैं।

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माता-पिता बच्चे के पहले गुरू होते हैं। बच्चे वहीं आदतें और बातें सीखते हैं जो उनके बड़े उनको सिखाते हैं। कई बार आप ने देखा होगा कि छोटे बच्चे आपके कहे हुए कुछ शब्दों का इस्तेमाल झट से करने लगतें हैं।

उनको नहीं पता होता कि शब्द सहीं है या नहीं, ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों के सामने अच्छी बातें करें ताकि बच्चा भी वहीं सब बातों को सीखे। इसके साथ ही बच्चों को अच्छे और बुरे का भेद भी जरूर बताएं। यदि आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा समझदार और अच्छा इंसान बने तो, इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान में रखना पड़ेगा।

बच्चों को इन बातों को सिखाएं

प्लीज और थैंक्यू
सबसे पहले बच्चे को थैंक्यू और प्लीज कहना सिखाएं। बच्चा जब कोई चीज मांगता है, तो उसको प्लीज शब्द का उपयोग करने को कहें। इसके अलावा बच्चे को समझाएं कि जब कोई आपका काम करता है या आपकी मदद करे तो उसको थैंक्यू जरूर बोलें।

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बड़ों की बात के बीच न बोलें
कुछ छोटे बच्चों को दो बड़ों के बीच में बोलने की गंदी आदत होती है। इस आदत का बच्चों पर गलत असर पड़ता है। जब भी आपका बच्चा आपकी बात के बीच में बोले तो उसको ऐसा करने से रोके।

हर बात की अनुमति मांगना
बच्चों में यह गुण होना बहुत जरूरी है। बच्चे को बचपन से कहीं बाहर जाने से पहले या कोई काम करने से पहले अनुमति लेने की आदत डालें। यह गुण बच्चे को एक जिम्मेदार बनाता है।

किसी की बात का जबाव कैसे दें
दूसरों से कैसे बात करनी है ये बात बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है। अगर उनसे कोई हाल-चाल पुछता है तो उसका जबाव किस प्रकार दें यह बतायें।

छींक आने पर मुंह पर हाथ रखें
अधिकतर बच्चे छींकते समय या खांसते समय मुहं पर हाथ या रूमाल नहीं रखते हैं। इसका दूसरों पर विपरीत प्रभाव पड़ने के साथ ही बच्चों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब भी बच्चे को छींक आएं तो उसको मुंह पर हाथ रखने के लिए कहें। इसके अलावा यह भी बताएं कि खाने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं।

गलत भाषा ना बोलें
कई बार बच्चे अपने बड़ो या दोस्तों से गलत भाषा या शब्द सीख लेते हैं। ऐसे में बच्चों को प्यार से बताएं कि वह बात गलत है और दोबारा ऐसी शब्द या बात न करें। बच्चे को कभी भी कोई बात डांट कर नहीं प्यार से समझाएं।

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