छत्तीसगढ़ का यह चावल कोरोना से लड़ने में मददगार

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 रायपुर| छत्तीसगढ़ के इस किस्म का चावल  कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो रहा  है| जिंक, मल्टी विटामिन्स और प्रोटीन से भरपूर यह चावल वह सब देता है जो कोरोना संक्रमित के लिए जरुरी है|

छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने धान  की इस तरह की  ऐसी किस्म तैयार की है|

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिको द्वारा  तैयार की गई धान की अलग-अलग किस्म को देश के कई रिसर्च संस्थानों ने सराहा है|

यहां के वैज्ञानिकों  द्वारा विकसित  जिंको राइस एमएस, छत्तीसगढ़ जिंक राइस वन (Chhattisgarh Zinc Rice one) धान ना केवल कोरोना से बचाएगी, बल्कि शरीर में जरूरी जिंक, मल्टी विटामिन्स और प्रोटीन की कमी को पूरा करेगी|

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धान की खास वैरायटी को तैयार करने वाली टीम के वैज्ञानिक डॉ गिरीश चंदेल का दावा है कि इसका चावल कोरोना के मर्ज की प्रमुख दवाई के रूप में उपयोग किया जा सकता है|

इसे खाने से प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाएगी कि लोग संक्रमित होने से बच जाएंगे| वहीं यदि वायरस के संपर्क में आए हैं तो भी कम से कम प्रभावित होंगे|

उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने करीब 20 साल तक रिसर्च करके धान की चार वैरायटी तैयार की थी, जिसमें जिंक,मल्टी विटामिन और प्रोटीन हो|

अब कोरोना आने के बाद इसमें एक साल जुटकर काम किया गया, जिसके बाद ये वैरायटी तैयार की गई|इसे खासतौर पर कोरोना के अनुसार तैयार किया गया है, इसमें जिंक प्रचुर मात्रा में है, मल्टी विटामिन हैं|

जो आपको ना केवल कोरोना से बचाने में मदद करेगा, बल्कि कोरोना  संक्रमण के बाद ढेर सारी जिंक, मल्टी विटामिन्स और प्रोटीन की दवाईयां नहीं लेनी पड़ेंगी|

 

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