‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, भारतीय मूल्यों की अभिव्यक्ति: पीएम मोदी

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को न केवल एक सैन्य कार्रवाई बल्कि भारतीय मूल्यों और संकल्प की अभिव्यक्ति करार दिया है. यह बयान उन्होंने रविवार, 25 मई 2025 को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया. ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू किया गया था, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाता है. “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है; यह हमारे देश की एकता, संप्रभुता और मानवीय मूल्यों की रक्षा का प्रतीक है. हमने आतंकवादियों को उनके ठिकानों पर निशाना बनाया, लेकिन निर्दोष नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया,” उन्होंने कहा. उन्होंने इस ऑपरेशन की सटीकता की सराहना करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा की.

जांच एजेंसियों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को नष्ट किया. इस कार्रवाई में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन छह पाकिस्तानी वायुसेना कर्मियों की मौत की खबर है, क्योंकि नूर खान और भोलारी जैसे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. पाकिस्तान ने 8 से 10 मई तक जवाबी हमले किए, लेकिन 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई.

मोदी ने इस अवसर पर भारत की कूटनीतिक पहल का भी उल्लेख किया, जिसमें एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया जैसे देशों में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दे रहा है. हमारी कार्रवाइयां न केवल हमारी सुरक्षा के लिए हैं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी हैं.”

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने हमेशा शांति की पहल की है, लेकिन इसका जवाब आतंकी हमलों के रूप में मिला है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई जारी रखेगा.

इस ऑपरेशन ने भारत के सैन्य और कूटनीतिक सामर्थ्य को प्रदर्शित किया है, लेकिन साथ ही भारत-पाकिस्तान तनाव को भी बढ़ाया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई भारत की रणनीतिक नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जिसमें सक्रिय और प्रत्यक्ष कार्रवाई पर जोर दिया गया है. जैसे-जैसे वैश्विक समुदाय इस स्थिति पर नजर रखे हुए है, भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देता है.

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