बेंगलुरु में आरसीबी के विजय समारोह के दौरान भगदड़ को लेकर विवाद गहरा गया, क्योंकि राज भवन ने दावा किया कि कर्नाटक सरकार ने ही विधान सौधा में आयोजित समारोह के लिए राज्यपाल को आमंत्रित किया था, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे गैर-सरकारी आयोजन बताया.
कर्नाटक के राज भवन सूत्रों ने 10 जून 2025 को खुलासा किया कि राज्य सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के आईपीएल 2025 जीत के उपलक्ष्य में विधान सौधा में एक समारोह आयोजित किया और राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इसके लिए आमंत्रित किया. यह दावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह आयोजन कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) द्वारा आयोजित किया गया था और सरकार ने राज्यपाल को न्योता नहीं दिया.
सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने शुरू में आरसीबी के लिए राज भवन में एक समारोह की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने सूचित किया कि यह विधान सौधा में होगा. 4 जून 2025 को हुए इस समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और राज्यपाल मौजूद थे.
इसके बाद, चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 33 लोगों के घायल होने की घटना ने आयोजन की योजना और प्रबंधन पर सवाल उठाए.
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि सरकार और केएससीए ने 2-3 लाख की भीड़ का अनुमान नहीं लगाया था, जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 थी. उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की.
विपक्षी बीजेपी ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “सरकार की गलत योजना और प्रबंधन ने इस त्रासदी को जन्म दिया.”
राज भवन के दावों ने इस विवाद को और हवा दी, क्योंकि यह सरकार के आधिकारिक रुख से मेल नहीं खाता. कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से 10 जून तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
यह विवाद कर्नाटक सरकार की आयोजन प्रबंधन और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाता है. भगदड़ की मजिस्ट्रेट जांच और कोर्ट की सुनवाई के परिणाम इस मामले में आगे के कदम तय करेंगे, जबकि पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता की उम्मीद है.