अवैध कॉल सेंटरों के खिलाफ नकेल कसने के लिए कोलकाता पुलिस तैयार

महानगर और आस-पास के इलाके में चलने वाले कॉल सेंटरों में काम करने वाले युवा ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं। उन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना आता है जिस कारण वे आसानी से विदेशी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

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कोलकाता| पूरी दुनिया कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही है, वहीं कोलकाता महानगर में बैठे अंतरराष्ट्रीय जालसाज धड़ल्ले से विभिन्न देशों में ठगी का धंधा चला रहे हैं।

कम समय और आसानी से ज्यादा रुपये कमाने और लैविश लाइफ स्टाइल जीने की चाह में ऐसे कॉल सेंटर महानगर के विभिन्न इलाकों में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं।

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महानगर और आस-पास के इलाके में चलने वाले कॉल सेंटरों में काम करने वाले युवा ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं। उन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना आता है जिस कारण वे आसानी से विदेशी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। कोई पॉश अपार्टमेंट, कोई साइबर कैफे तो कोई घनी आबादी वाले इलाके का फायदा उठाकर कॉल सेंटर के इस गोरखधंधे को चला रहा है।

आलम यह है कि इन जालसाजों की वजह से विभिन्न देशों में भारत की छ‌वि धूमिल होती जा रही है। आईटी विशेषज्ञों की मानें तो कोलकाता, सॉल्टलेक व अन्य इलाकों में कॉल सेंटर का धंधा मिनी इंडस्ट्री का रूप ले चुका है।

इन इलाकों में 500 से अधिक अवैध कॉल सेंटर चल रहे हैं। इस पर लगाम लगाना शायद मुश्किल है क्योंकि अब तो इस गिरोह के सदस्य अपने घरों में बैठा कर या फिर चलती कार में बैठकर विदेश में बैठे लोगों को चूना लगे रहे हैं।

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