धर्म संसद में कालीचरण ने दी गाँधी को गाली, विरोध में महंत रामसुंदर दास ने मंच छोड़ा

रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण नाम के इस बाबा ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे और नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया| इसी मंच पर मौजूद  कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और धर्म संसद से स्वयं को अलग किया|

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रायपुर | छत्तीसगढ़ की  राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण नाम के  बाबा ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे और नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया| इसी मंच पर मौजूद  कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और धर्म संसद से स्वयं को अलग किया|

राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने  कहा कि मंच से महात्मा गांधी को गाली दी गई है, हम इसका विरोध करते हैं। यह सनातन धर्म नहीं और ना ही धर्म संसद के मंच पर इस तरह की बात होनी चाहिए। इतना कहकर महंत रामसुंदर दास मंच से उतर गए और तमतमाए हुए अंदाज में वापस दूधाधारी मठ लौट गए।

 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद-2021 में महाराष्ट्र से आए  कालीचरण नामक बाबा ने मंच से गांधी को गालियां दीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस्लामाबाद ने कब्जा किया। उन्होंने कहा कि मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।

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कालीचरण

नाथूराम गोडसे को जब दोनों हाथ जोड़कर कालीचरण ने नमस्कार किया तो भीड़ जय श्रीराम के नारे लगाकर तालियां बजाने लगी।

कालीचरण ने साफ तौर पर कहा कि राजा यानी कि सांसद, विधायक देश का मंत्री-प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कट्टर हिंदूवादी हो। उन्होंने कहा कि हमेशा लोग वोट देने नहीं जाते, ऐसा न करने पर देश में इस्लाम हावी होगा। लोगों को अपने घरों से निकलकर अधिक से अधिक वोट करना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धर्म संसद के समापन समारोह में शनिवार को जब  कालीचरण यह कह रहे थे तो दर्शकों के बीच कांग्रेस के नेता प्रमोद दुबे, भारतीय जनता पार्टी के नेता सच्चिदानंद उपासने, नंदकुमार साय भी मौजूद थे।

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