राज्यपाल ने राजधानी रायपुर में किया ध्वजारोहण , ली सलामी

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर संयुक्त परेड द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा सलामी दी गई। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेश जनता के नाम संदेश दिया।

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रायपुर| राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में  ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर संयुक्त परेड द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा सलामी दी गई। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेश जनता के नाम संदेश दिया।

गार्ड ऑफ ऑनर में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, छसबल पुरूष, छसबल महिला, नगर सेना पुरूष, नगर सेना महिला, बैंड के प्लाटून शामिल थे। परेड का नेतृत्व परिवीक्षाधीन भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री स्मृतिक राजनाला ने किया। सेकंड ऑफिसर इन कमांड के रूप में परिवीक्षाधीन भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री विकास कुमार थे।

 

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे प्रहरियों, कोरोना संक्रमण के खिलाफ योगदान देने वाले कोरोना वॉरियर्स और सुरक्षा बल के जवानों को उनके योगदान के लिए नमन किया।

राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि आज का दिन देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले महापुरूषों को याद करने का दिन है, जिनकी बदौलत हमें आजादी हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का गणतंत्र और आजादी कायम रहे इसका भार देश के नौजवानों पर भी है, उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए इस अवसर पर प्रण लेना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि नवनिर्माण का पहला सोपान देश को मिली आजादी थी, इसलिए सबसे पहले मैं आजादी दिलाने वाले समस्त महान योद्धाओं को नमन करती हूं। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के माध्यम से उस पूरी पीढ़ी का पावन स्मरण करती हूं जिन्होंने आजाद देश के लिए नए संविधान और विकास की नई दिशाओं की बुनियाद रखी।

राज्यपाल ने कहा-हमारा संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता है। सभी को प्रतिष्ठा और अवसर की समानता का अधिकार है। मैं बड़े ही गर्व के साथ यह कहती हूं कि हमारे संविधान की छत्र-छाया में हमने जिस तरह सात दशकों तक अपने हितों की सुरक्षा पाई, सर्वांगीण विकास किया, भविष्य में भी इसकी छत्र-छाया में हम निरंतर आगे बढ़ेंगे।

सुश्री उइके ने कहा कि मेरे प्रिय छत्तीसगढ़वासियों, मैं आप लोगों की प्रतिभा, लगन, निष्ठा, संघर्ष करने की क्षमता और विपरीत परिस्थितियों में भी जीतने की दृढ़ इच्छा-शक्ति से अभिभूत हूं। कोरोना महामारी के लंबे दौर में भी आप लोग मेरी सरकार के कदम से कदम मिलाकर चलते रहे और विश्वव्यापी निराशा के वक्त भी राज्य में आशा के दीपक जलाते रहे। ऐसे संकट के समय राहत और रोजगार के कारगर उपाय करना मेरी सरकार का सबसे बड़ा काम है और मुझे खुशी है कि मेरी सरकार ने अपनी भूमिका का निर्वाह पूरी संवेदनशीलता के साथ करने का प्रयास किया है।

संतोष का विषय है कि छत्तीसगढ़ में कृषि के साथ ग्रामीण और वन अंचलों में नए-नए रोजगार के अवसरों की अलख जगाई गई। मेरी सरकार की आकर्षक नीतियों और योजनाओं के कारण परम्परागत किसान और उनकी नई पीढ़ी अब फिर बड़े पैमाने पर खेती-किसानी के काम से जुड़े हैं। सरकारी, अर्द्धसरकारी, औद्योगिक तथा निजी क्षेत्र के दरवाजे नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार के लिए खुले।

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