रायपुर|  वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का अच्छा विकल्प है। किसान अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें, इससे स्वायल हेल्थ में सुधार होगा, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। उक्त  बातें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम  को सम्बोधित करते हुए कही | उन्होंने  गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 2 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।

इस राशि में 15 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 44 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों और महिला समूहों को 48 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक गोबर विक्रेताओं को इस योजना के तहत 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोधन न्याय मिशन के संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गौठानों में तैयार किया जा रहा वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का अच्छा विकल्प है। किसान अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें, इससे स्वायल हेल्थ में सुधार होगा, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।  आज पूरे देश में रासायनिक खादों की कमी है। भारत सरकार खाद की आपूर्ति किसानों को नहीं कर पा रही है। इससे कृषि प्रभावित होगी। आने वाले समय में भी रासायनिक खाद की आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में किसान भाईयों और पशुपालकों से अपने पशुओं को खुले में नहीं छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पशुओं को घरों में या गांव के गौठान में रखें। इससे दूसरी फसल को बचाया जा सकेगा। पैरा न जलाएं, पैरे का उपयोग पशुओं को खिलाने में करें। श्री बघेल ने पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था करने की आवश्यकता बताते हुए गौठानों के चारागाह में चारा लगाने की व्यवस्था करने की अपील भी की।

श्री बघेल ने कहा कि रबी सीजन में मखाने की खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। मखाने की बाजार में अच्छी मांग है और इसके भण्डारण में भी समस्या नहीं है। किसानों को मखाने की खेती की जानकारी और प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उन्हें मखाने के बीज की उपलब्धता से लेकर मखाने की बिक्री तक हर संभव प्रोत्साहन दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने गौठानों में तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय मूल्य परिवहन लागत सहित तय करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से मिलने वाली राशि तथा लागत की राशि के अंतर की राशि गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में लगभग 14 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाई गई, जिसमें से 9 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसमें से ज्यादातर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग हमारे किसानों ने किया है। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2020 को हरेली से प्रारंभ हुई, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 15 नवम्बर 2021 तक 55.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना से लगभग 2 लाख ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें 88 हजार 127 भूमिहीन हैं। गोबर खरीदी के एवज में अब तक विक्रेताओं को 114 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। अब तक 81 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। गौठान समितियों को 19 से 20 करोड़ रूपए का लाभ हुआ है तथा गौठानों में विभिन्न गतिविधियों में संलग्न 9321 महिला स्व-सहायता समूहों की 67 हजार महिलाओं को लगभग 48 करोड़ 20 लाख रूपए की आय हो चुकी है।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी तथा विशेष सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और जनसम्पर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा सहित सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।