कलयुग में राम नाम ही जीवन का आधार है: स्वामी परमात्मानंद

स्वामी परमात्मानंद जी ने कहा कि कलयुग केवल नाम आधारा, सुमरी सुमरी नर उतरहीं पारा. राम नाम का इतना प्रभाव है की राम नाम लिखा पत्थर पानी में भी तैर गया.

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उदयपुर| अयोध्या में श्री राम चंद्र चंद्र के प्राण प्रतिष्ठा के बाद उदयपुर में चल रहे राम कथा में उदयपुरवासी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं. कथा के द्वितीय दिवस स्वामी परमात्मानंद जी ने कहा कि कलयुग केवल नाम आधारा, सुमरी सुमरी नर उतरहीं पारा. राम नाम का इतना प्रभाव है की राम नाम लिखा पत्थर पानी में भी तैर गया. उन्होंने कहा संगत का असर जीवन में बहुत पड़ता है इसलिए जीवन में सत्संग जरूर करना चाहिए.

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स्वामी जी ने कथा के बीच में परिवार के महत्व को भी बताया उन्होंने कहा विदेशी षड्यंत्र हमारे देश में चल रहा है और वह हमारे परिवार व्यवस्था को तोड़ने का कुछ अगर चल रहे हैं. एकल परिवार से रिश्ते समाप्त होते जा रहे हैं आने वाले भविष्य में लोग फूफा मामा मौसी चाचा सब रिश्तो को भूल जाएंगे, जीवन में हमारे जीवन में भी अंग्रेजी का प्रभाव आ गया है. अंकल आंटी जिस रिश्ते का भाष भी नहीं होता है,.आज के समय में टीवी में धारावाहिकों के माध्यम से भी परिवार को तोड़ने का कुछ चक्र चल रहा है यह षड्यंत्र है इसे हमें समझना चाहिए.

राम कथा को मनोरंजन नहीं बल्कि मनोभांजन का साधन समझना चाहिए राम नाम जपने से ही महामोह जैसा दुश्मन खत्म हो जाता है.
जयसवाल परिवार द्वारा आयोजित इस राम कथा में सभी आगंतुको को का सम्मान पुस्तक भेंट कर किया जा रहा है. 73 वर्ष की आयु में स्वामी परमात्मानंद जी द्वारा ओजपुर कथा का वाचन किया जा रहा है जिसे सर्वत्र सराहा जा रहा है.

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