रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर भारत ने लगाई रोक   

रेमडेसिविर की मांग में अचानक बढ़ोतरी के बाद यह कदम उठाया गया

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 नई दिल्ली/ रायपुर | रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर भारत ने रोक लगा दी है| देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और रविवार को भारत में सक्रिय (एक्टिव) कोविड मामलों की संख्या 11.08 लाख हो चुकी है। कई राज्यों से  इसकी  मांग की जा रही है|

भारत ने रविवार को स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर इंजेक्शन और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि रेमडेसिविर की मांग में अचानक बढ़ोतरी के बाद यह कदम उठाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों के इलाज में किया जाता है।

एक बयान में कहा गया है की , “आने वाले दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।”

बयान में कहा गया है, “उपरोक्त बढ़ते कोविड मामलों के आलोक में, भारत सरकार ने स्थिति में सुधार होने तक इंजेक्शन रेमडेसिविर और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है।”

वहीं इसको बनाने वाली सभी कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी वेबसाइट पर स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूटर्स की जानकारी दें, ताकी प्रशासनिक टीम कालाबाजारी को रोक सके। आने वाले दिनों में दवा की मांग और बढ़ सकती है, जिस वजह से इसके उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

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इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रमुख एंटी-वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को हैदराबाद और महाराष्ट्र भेजने के निर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सुचारू रूप से की जाए और इस दवा का निर्माण करने वाली कंपनियों के साथ समन्वय के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को हैदराबाद और महाराष्ट्र भेजा जाए।

मुख्यमंत्री ने ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और उन्हें अन्य राज्यों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले संयंत्रों को छत्तीसगढ़ के सरकारी और निजी अस्पतालों में सबसे पहले ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

वहीँ राज्य सरकार ने हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों पर 72 घंटे के भीतर प्राप्त आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है, जबकि नेगेटिव रिपोर्ट के बिना पहुंचने वालों की जांच की जाएगी और उन्हें आइसोलेशन में रखने के साथ ही क्वारंटीन सेंटर भी भेजा जाएगा। राज्य में जारी की गई नई एसओपी में यह बात कही गई है।

मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि इस बार गांवों में भी संक्रमण फैल रहा है, इसलिए इसे रोकने के लिए राज्य के बाहर से आने वालों की जांच करना आवश्यक है। यही वजह है कि राज्य सरकार द्वारा गांवों में क्वारंटीन सेंटर्स स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रोगियों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है और उन्होंने निजी अस्पतालों के संचालकों से कहा है कि वे कोरोना रोगियों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करें।

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