बायोटेक किसान हब ने बदली बाड़ी की तस्वीर

दंतेवाड़ा जिले का सोनाराम कुंजाम आज उन्नत किसानों में से एक हैं जिन्होंने प्रशिक्षण के बाद  अपनी  बाड़ी की तस्वीर बदल डाली   यह हुआ है छत्तीसगढ़ शासन की नवाचार योजना बायोटेक किसान हब की बदौलत |

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दंतेवाड़ा| दंतेवाड़ा जिले का सोनाराम कुंजाम आज उन्नत किसानों में से एक हैं जिन्होंने प्रशिक्षण के बाद  अपनी  बाड़ी की तस्वीर बदल डाली   यह हुआ है छत्तीसगढ़ शासन की नवाचार योजना बायोटेक किसान हब की बदौलत |

छत्तीसगढ़ शासन की नवाचार योजना बायोटेक किसान हब परियोजना से बाड़ियों की तस्वीर बदलने लगी है | प्रशिक्षण के बाद  किसान न केवल बेहतर उत्पादन कर रहे हैं बल्कि आमदनी में इजाफा भी हुआ है|

कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा द्वारा चलाये जा रहे बायोटेक किसान हब परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. नारायण साहू, वरिष्ठ वैज्ञानिक के मार्गदर्शन में जिले के किसानों को सब्जी उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस परियोजना से जुड़े ग्राम बिन्जाम के रहने वाले श्री सोनाराम कुंजाम जिन्होनें बायोटेक किसान हब परियोजना से प्रशिक्षण प्राप्त कर खेती किसानी में लाभ प्राप्त कर रहे है और अपने 2 एकड़ जमीन को बाडी में परिवर्तित कर विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ जैसे कि मटर, लौकी, मिर्च, टमाटर, बरबट्टी, सेमी, पत्ता गोभी एवं आलू का उत्पादन कर रहे है।

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श्री कुंजाम ने बताया कि बायोटेक किसान हब परियोजना से जुडने के बाद विभिन्न प्रकार के सब्जियों के बीज प्राप्त हुए है साथ ही सब्जी के पौधे तैयार करने का सिडलिंग ट्रे प्राप्त हुआ है। सब्जी के उत्पादन में उन्हें प्रशिक्षण भी मिला |

इस किसान को कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री डिप्रोशन बंजारा (विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान) एवं सुश्री पूनम कश्यप (वाई.पी.- II) द्वारा सब्जी के बीजों को लगाने से पूर्व बायो एजेन्ट (ट्राईकोडर्मा एवं सुडोमुनास) से बीज उपचार करना, पौध के लिए जैव उर्वरक (जेड. एस. बी., पी.एस.बी. एवं के.एस.बी.) की मात्रा एवं सब्जी लगाने की विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई थी ।

इसके बाद सोनाराम ने सिडलिंग ट्रे में मिर्च, टमाटर और गोभी का पौध तैयार किया और अपने बाड़ी में कतार विधि से पौधों को लगाया। साथ ही उन्हे वर्मी कम्पोस्ट खाद भी उपलब्ध कराया गया। जिसके उपयोग से उनकी सब्जियों के पौधों के बढवार में वृद्धि हुई।

श्री कुंजाम बताते है कि पहले उनकी आमदनी केवल 25000 रूपये थी पर आज बायोटेक किसान हब से जुडकर 100000 से 110000 रूपये तक कमा लेते है। इसके लिये वे जिला प्रशासन व कृषि विज्ञान केन्द्र, का आभार व्यक्त करते है।

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