ट्रम्प के आयात शुल्क से अमेरिकियों पर बोझ, किराना, डायपर और टॉयलेट पेपर की कीमतें बढ़ीं

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वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में लागू किए गए आयात शुल्क के कारण दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे किराना सामान, डायपर और टॉयलेट पेपर की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये शुल्क, जो मुख्य रूप से चीन, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों से आयातित सामानों पर लगाए गए हैं, अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए जीवनयापन की लागत को और बढ़ा रहे हैं. इस नीति को ट्रम्प प्रशासन ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए लागू किया था, लेकिन इसका तात्कालिक प्रभाव आम अमेरिकियों की जेब पर पड़ रहा है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में किराना सामानों की कीमतों में औसतन 6.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और डेयरी उत्पादों की लागत में विशेष रूप से तेज उछाल देखा गया. डायपर और अन्य शिशु उत्पादों की कीमतें भी 8% तक बढ़ी हैं, क्योंकि इनके कच्चे माल का बड़ा हिस्सा आयातित होता है. इसी तरह, टॉयलेट पेपर और अन्य कागज-आधारित उत्पादों की लागत में 5% की वृद्धि हुई है, क्योंकि कनाडा से आयातित लकड़ी के गूदे पर 10% शुल्क लागू किया गया है.

अमेरिकी खुदरा विक्रेता और आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ये बढ़ी हुई लागतें उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित करेंगी. न्यूयॉर्क की एक सुपरमार्केट श्रृंखला के प्रबंधक जेम्स कार्टर ने कहा, “हम लागत को अवशोषित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आयात शुल्क के कारण हमें कीमतें बढ़ानी पड़ रही हैं. यह हमारे ग्राहकों, खासकर मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों के लिए मुश्किल है.”

ट्रम्प ने इन शुल्कों का बचाव करते हुए कहा है कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय रोजगार सृजन के लिए आवश्यक है. उन्होंने 25 मई 2025 को न्यू जर्सी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम अपने उद्योगों को बचा रहे हैं और विदेशी देशों को अमेरिका का फायदा उठाने से रोक रहे हैं.” हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि ये शुल्क घरेलू उत्पादन को तुरंत बढ़ाने में असफल रहे हैं, जबकि उपभोक्ता मूल्य वृद्धि का बोझ तत्काल उठा रहे हैं.

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि यदि ये शुल्क लंबे समय तक लागू रहे, तो मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, जिससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव पड़ सकता है. इससे न केवल उपभोक्ता वस्तुएं महंगी होंगी, बल्कि आवास और ऋण की लागत भी बढ़ सकती है.

इस बीच, उपभोक्ता संगठनों ने सरकार से मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों के लिए राहत उपायों की मांग की है. कुछ डेमोक्रेटिक सांसदों ने शुल्कों को वापस लेने या कम करने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया है. जैसे-जैसे कीमतें बढ़ रही हैं, अमेरिकी परिवार अपने बजट को संतुलित करने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं, लेकिन कई लोगों के लिए यह चुनौती कठिन होती जा रही है.

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