1947 में ही आतंकवादियों से निपट लेना चाहिए था, सरदार पटेल की सलाह को नजरअंदाज किया गया: पीएम मोदी

0 20
Wp Channel Join Now

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि 1947 में ही आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए होते और सरदार वल्लभभाई पटेल की सलाह पर अमल किया गया होता, तो भारत को आज आतंकवाद की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता. यह बयान उन्होंने रविवार, 25 मई 2025 को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में दिया, जहां उन्होंने हाल के ऑपरेशन सिंदूर और भारत की आतंकवाद विरोधी नीति पर प्रकाश डाला.

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “1947 में देश के बंटवारे के समय सरदार पटेल ने आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की सलाह दी थी, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया. यदि उस समय निर्णायक कार्रवाई की गई होती, तो आज हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता.” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता粒子

System: की नीति पर चल रहा है, जिसका उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर है.

ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को नष्ट किया. मोदी ने इस कार्रवाई की सटीकता की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने हमेशा शांति की पहल की, लेकिन बदले में उसे आतंकी हमले मिले. उन्होंने कहा, “हमने पड़ोसियों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन जवाब में आतंकवाद को प्रायोजित किया गया. अब भारत चुप नहीं रहेगा.” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों, जैसे नूर खान और भोलारी हवाई अड्डों, को निशाना बनाया गया.

मोदी ने भारत की कूटनीतिक रणनीति का भी जिक्र किया, जिसमें एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया जैसे देशों में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा, “हम वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दे रहे हैं. भारत की कार्रवाइयां न केवल अपनी सुरक्षा के लिए, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी हैं.”

यह बयान भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आया है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद और बढ़ गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का यह कथन भारत की आतंकवाद के प्रति कठोर नीति और ऐतिहासिक संदर्भों के आधार पर अपनी रणनीति को मजबूत करने के प्रयास को दर्शाता है. जैसे-जैसे भारत अपनी सुरक्षा नीतियों को और सुदृढ़ कर रहा है, वैश्विक समुदाय इस क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीद कर रहा है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.