इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बोला हमला, 18 की मौत, खामनेई ने दी कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

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इजरायल ने 13 जून, 2025 को ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया, जिसमें ईरान के प्रमुख परमाणु और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए गए. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलासा किया कि इस हमले की योजना महीनों से तैयार की जा रही थी, जिसके जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कड़ा प्रतिशोध लेने की कसम खाई.

इजरायल ने रात के अंधेरे में ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें पहले नतांज परमाणु संवर्धन केंद्र को निशाना बनाया गया, फिर खोरमाबाद और खोंदाब के आसपास के ठिकानों पर बमबारी की. ईरान की सरकारी मीडिया ने पुष्टि की कि हवाई हमलों में 18 लोगों की मौत हुई.

मृतकों में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर होसैन सलामी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, और परमाणु वैज्ञानिक फेरेहदून अब्बासी-दवानी व मोहम्मद मेहदी तहरांची शामिल हैं. खबरों के मुताबिक, IRGC वायुसेना प्रमुख अमीर अली हाजीज़adeh भी हमले में मारे गए.

नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान के पास इतना घातक यूरेनियम भंडार है कि वह कुछ महीनों में परमाणु बम बना सकता है, जिसके चलते यह हमला जरूरी था. अप्रैल में प्रस्तावित इस ऑपरेशन को इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने जोखिम भरा मानकर जून 2025 में लागू किया. नेतन्याहू ने कहा कि नवंबर 2024 से कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी थी.

ईरान ने जवाब में 100 से अधिक ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं, जिनमें से ज्यादातर को IDF की हवाई रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया. खामनेई ने इजरायल के हमलों को अपराध करार देते हुए कहा कि यहूदी राष्ट्र को “कड़वा और दर्दनाक परिणाम” भुगतना पड़ेगा. ईरान ने मेजर जनरल मोहम्मद पकपौर को IRGC का नया कमांडर नियुक्त किया.

इजरायल ने 200 से अधिक लड़ाकू विमानों को तैनात किया, जिन्होंने मिसाइल उत्पादन इकाइयों और हवाई रक्षा बैटरियों सहित 100 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया. इजरायल ने आपातकाल घोषित कर हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और हजारों रिजर्व सैनिकों को बुलाया.

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, पूर्वी अजरबैजान के अधिकारियों ने पुष्टि की कि हमलों में 18 लोग शहीद हुए और 35 घायल हुए.

नेतन्याहू ने टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “यह कोई संयोग नहीं था. अगर ईरान के पास परमाणु हथियार होंगे, तो हमारा वजूद खतरे में होगा.” उन्होंने इस हमले को रणनीतिक रूप से अनिवार्य बताया.

खामनेई ने जवाब में चेतावनी दी, “ज़ायोनी शासन ने अपने लिए कड़वा भाग्य तैयार किया है, जिसे उसे अवश्य भुगतना होगा.”

सैन्य विश्लेषक बेथ सानर ने CNN को बताया कि सलामी जैसे कमांडर की हत्या अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन को मारने के बराबर है, और इससे तेहरान की ओर से बड़ा जवाबी हमला हो सकता है.

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA ने नतांज के आसपास रेडिएशन स्तर में कोई वृद्धि नहीं होने की पुष्टि की और बताया कि बूशहर परमाणु संयंत्र को कोई नुकसान नहीं हुआ.

इजरायल के सैन्य अभियानों ने मध्य पूर्व को एक नाजुक मोड़ पर ला खड़ा किया है, और ईरान की प्रत्यक्ष जवाबी कार्रवाई की धमकी ने तनाव बढ़ा दिया है. वाशिंगटन से ब्रुसेल्स तक राजनयिक आवाजें तत्काल शांति की अपील कर रही हैं, जबकि विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि एक छोटी सी गलती परमाणु चिंताओं को वैश्विक मंच पर ला सकती है.

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