नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के कई हिस्सों में मानसून के आगमन और मौसम की चरम स्थितियों को लेकर अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 48 घंटों में केरल तट पर दस्तक दे सकता है, जिसके बाद यह तेजी से दक्षिण और पूर्वी भारत की ओर बढ़ेगा. साथ ही, उत्तर भारत में गर्मी की लहर और पूर्वोत्तर में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस वर्ष मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहने की उम्मीद है. केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 25 मई से भारी बारिश शुरू हो सकती है, जबकि महाराष्ट्र और गोवा में 27 मई तक मानसून पहुंचने की संभावना है. इसके अलावा, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में अगले तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश का अनुमान है, जिसके कारण बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है.
उत्तर भारत, विशेष रूप से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गर्मी की लहर ने हालात को और गंभीर बना दिया है. जयपुर, हिसार और कानपुर में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिसके कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग ने लोगों को दोपहर 12 से 3 बजे तक घर से बाहर न निकलने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी है. दिल्ली-एनसीआर में भी अगले दो दिनों तक गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है, हालांकि 28 मई से हल्की बारिश राहत दे सकती है.
पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. असम के धुबरी और गोलपारा जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जबकि मेघालय के गारो हिल्स में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं.
आईएमडी ने मछुआरों को अगले 72 घंटों तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की चेतावनी दी है, क्योंकि तेज हवाओं और ऊंची लहरों का खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही, तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की चरम स्थितियां और बारिश का पैटर्न अनियमित हो रहा है. सरकार ने सभी राज्यों को आपदा प्रबंधन योजनाओं को मजबूत करने और समय पर चेतावनी प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए हैं. नागरिकों से अपील की गई है कि वे मौसम अपडेट पर नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति में निकटतम हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें.