नहीं मिला एंबुलेंस, स्ट्रेचर पर ले जा रहा था मां का शव

एम्बुलेंस न मिलने के कारण एक युवक  को अपनी बुजुर्ग मां के शव को स्ट्रेचर पर ही ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसी शर्मनाक घटना भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल में देखने को मिली. बाद में कुछ स्वयंसेवकों के मदद से शव को एम्बुलेंस में 50 किमी दूर उनके गाँव भेज दिया गया.

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भुवनेश्वर| ओडिशा के आदिवासी बहुल कलाहांडी जिले में दान मांझी द्वारा अपनी पत्नी के शव को ले जाने की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया था. ठीक ऐसे ही राजधानी  भुवनेश्वर में कई साल बाद वही घटना दोहराई गई. एम्बुलेंस न मिलने के कारण एक युवक  को अपनी बुजुर्ग मां के शव को स्ट्रेचर पर ही ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसी शर्मनाक घटना भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल में देखने को मिली. बाद में कुछ स्वयंसेवकों के मदद से शव को एम्बुलेंस में 50 किमी दूर उनके गाँव भेज दिया गया.

मृतक महिला बोलगढ़ डूंगरपड़ा क्षेत्र की रहने वाली थी। 82 वर्षीय महिला को उसके बेटे मानस रंजन बाहुबलेंद्र ने ब्रेन हैमरेज के चलते कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन बीती रात वहीं उनकी मौत हो गई.

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मानस ने मां के शव को ले जाने के लिए महाप्रयाण योजना में एंबुलेंस मुहैया कराने की गुहार लगाई. लेकिन उसके दुख को कोई नहीं समझ पाया. उसके पास पैसे न होने के कारण शव को मेडिकल से स्ट्रेचर पर ले गया.

कुछ दूर जाने के बाद कुछ स्वयंसेवकों की नजर मानस पर पड़ी. बाद में उनकी मदद से निजी एंबुलेंस संघ द्वारा मानस रंजन को नि:शुल्क एंबुलेंस मुहैया कराई गई. मानस अपनी मां का शव लेकर 50 किमी दूर अपने गांव डूंगरपड़ा चला गया. बतादें कि मानस रंजन की शिकायत को लेकर कैपिटल अस्पताल की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

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