शशि थरूर के बयान से उठा विवाद, कांग्रेस के लिए उपलब्ध होने की कही बात
थरूर के बयान को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने इससे पहले केरल सरकार की नीतियों की सराहना की थी और प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने को सकारात्मक संकेत बताया था. उनके इन बयानों से कांग्रेस के भीतर असहजता देखी गई थी.
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल की पिनाराई विजयन सरकार की प्रशंसा को लेकर विवादों में घिरे वरिष्ठ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह पार्टी के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि पार्टी को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, तो उनके पास अन्य विकल्प भी हैं. हालांकि, आईई मलयालम पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान उन्होंने दल बदलने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि केवल मतभेद होने का अर्थ यह नहीं कि वह पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.
थरूर के बयान को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने इससे पहले केरल सरकार की नीतियों की सराहना की थी और प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने को सकारात्मक संकेत बताया था. उनके इन बयानों से कांग्रेस के भीतर असहजता देखी गई थी.
कांग्रेस में नेतृत्व की कमी पर जताई चिंता
थरूर ने कहा कि उन्होंने कभी खुद को विशुद्ध रूप से राजनेता नहीं माना और उनकी राजनीतिक सोच संकीर्ण नहीं है. उन्होंने कांग्रेस से अपील की कि वह केरल में अपना जनाधार बढ़ाए ताकि नए मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य कांग्रेस इकाई में नेतृत्व की कमी है, और उनकी इस बात का समर्थन कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी किया है.
67 वर्षीय थरूर ने स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा किए गए जनमत सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में नेतृत्व के मामले में वह अन्य नेताओं से आगे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस अपनी अपील को व्यापक नहीं करती, तो केरल में आगामी विधानसभा चुनावों में उसे लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठना पड़ सकता है.
विवादों पर चुप्पी, क्रिकेट मैच देखने की सलाह
थरूर ने कांग्रेस में अपने भविष्य और संभावित मतभेदों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और पत्रकारों से इंडिया बनाम पाकिस्तान आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी मैच देखने की सलाह दी. दिल्ली हवाई अड्डे पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, “इस पर कोई टिप्पणी नहीं. जाइए, मैच देखिए. आज का मैच बहुत महत्वपूर्ण है.”
थरूर का कविता उद्धरण और राहुल गांधी से मुलाकात
शनिवार को थरूर ने अंग्रेजी कवि थॉमस ग्रे की कविता “ओड ऑन ए डिस्टेंट प्रॉस्पेक्ट ऑफ ईटन कॉलेज” से एक उद्धरण “जहां अज्ञानता सुखद है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है.” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया. उन्होंने इसे “आज का विचार” कैप्शन दिया, जिसे कांग्रेस के भीतर चल रहे विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है.
18 फरवरी को थरूर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की और इसे “बेहद अच्छी बातचीत” बताया. उन्होंने कहा कि इस आधे घंटे की बैठक में वह राहुल गांधी से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में सफल रहे. हालांकि, उन्होंने बैठक की विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया और स्पष्ट किया कि इसमें आगामी चुनावों या केरल कांग्रेस में नेतृत्व से जुड़ी कोई चर्चा नहीं हुई.
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
थरूर द्वारा एलडीएफ सरकार की नीतियों की प्रशंसा करने वाले लेख को लेकर केरल कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी इस विषय पर पूछे गए सवालों के जवाब में थरूर ने कहा कि वह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस पर विवाद क्यों हुआ.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के ट्रंप से मुलाकात को लेकर भारत के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर की गई थी, न कि किसी दलगत राजनीति के संदर्भ में.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने थरूर के बयानों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि संभवतः यह इंटरव्यू राहुल गांधी से मुलाकात से पहले दिया गया था. उन्होंने कहा, “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने यह इंटरव्यू राहुल गांधी से मिलने से पहले दिया था. हम इस मामले को लेकर कोई विवाद नहीं चाहते.”
चेन्निथला ने यह भी कहा कि जब वह केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब उन्होंने ही शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होने का आमंत्रण दिया था. उन्होंने कहा, “मैंने ही उन्हें पालक्काड से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था. थरूर ने अपने इंटरव्यू में इसका जिक्र किया, जो बिल्कुल सही है.”
केरल में स्टार्टअप नीति की सराहना से शुरू हुआ विवाद
थरूर ने स्पष्ट किया कि केरल में निवेश को बढ़ावा देने और स्टार्टअप नीतियों के समर्थन में लिखे गए उनके लेख को लेकर पैदा हुआ विवाद “किसी हद तक फायदेमंद” भी साबित हुआ है क्योंकि इससे इस विषय पर चर्चा का अवसर मिला है.
उन्होंने कहा, “पिछले 16 वर्षों से मैं केरल के युवाओं की विदेशों में बढ़ती पलायन दर और रोजगार की समस्या पर बात करता आ रहा हूं. स्टार्टअप्स और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की जरूरत हमेशा से रही है.”
थरूर के इन बयानों से कांग्रेस में हलचल मच गई है, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि पार्टी के भीतर किसी के खिलाफ उन्होंने कोई शिकायत नहीं की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस पूरे प्रकरण पर क्या रुख अपनाता है.