एक बार फिर सुवेंदु अधिकारी ने दलबदल विरोधी कानून का मुद्दा उठाया, 24 को जायेंगे कोर्ट

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर दलबदल विरोधी कानून का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में गत साढ़े 10 वर्षों में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं किया गया।

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कोलकाता| बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर दलबदल विरोधी कानून का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में गत साढ़े 10 वर्षों में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं किया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि स्पीकर को 3 महीने के अंदर निर्णय लेना होगा। 3 महीने से अधिक हो गये हैं, लेकिन मुकुल राय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आगामी 23 तारीख को मुकुल की सुनवाई में शामिल होने के बाद 24 को हम अदालत जायेंगे। इधर, राज्यसभा में उम्मीदवार देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि समय पर ही इस बात का पता चलेगा, ये कोई कंपनी नहीं बल्कि राष्ट्रीय पार्टी है जो नियमों को मानते हुए ही निर्णय लेती है।
इधर, चुनाव आयोग द्वारा भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को नोटिस भेजे जाने के मसले पर सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रियंका को लेकर आम लोगों में उत्साह था, बेवजह सत्ताधारी पार्टी इसे मुद्दा बना रही है। नामांकन के समय आम लोगों के उत्साह के कारण भीड़ हो गयी थी, इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। वहीं कर्म पूजा के दिन सेक्शनल हालीडे ना देकर आम छुट्टी देेने की घोषणा करने की मांग उन्होंने की।
इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशन (आईटीआई) में फेज 2 की ग्रेडिंग को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चिट्ठी दी। इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के 3 संगठनों के तहत 19 आईटीआई ने नकली दस्तावेज प्रस्तुत कर देश के प्रथम 40 आईटीआई में अपना स्थान बनाया।
उन्होंने कहा कि इन इंस्टीट्यूशनों में मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ये इंस्टीट्यूशन छात्रों को ठग रहे हैं क्योंकि उनके पास किसी तरह की ट्रेनिंग नहीं है जो वह छात्रों को दे सकें। इस मामले में सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय मंत्री से जांच की मांग की।

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