बृहस्पति सिंह के बिगड़े बोल से एक बार फिर सियासी उबाल
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के आदिवासियों और एक पत्रकार पर बिगड़े बोल ने एक बार फिर सियासी उबाल ला दिया है | जहाँ भाजपा ने इस बयान पर विरोध दर्ज करते बृहस्पति सिंह का पुतला फूंका |वहीँ पत्रकार बिरादरी भी सोशल मीडिया पर बरस रही है | इधर जहाँ केन्द्रीय जनजातीय मामले की राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने इसे आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात कहा है। वहीँ सर्व आदिवासी समाज ने इस बयान के लिए सार्वजनिक माफ़ी मांगने तक विधायक के बहिष्कार का एलान कर दिया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने इसे आपराधिक श्रेणी का बयान करार दिया है |
अंबिकापुर/ रायपुर | छत्तीसगढ़ कांग्रेस के रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के आदिवासियों और एक पत्रकार पर बिगड़े बोल ने एक बार फिर सियासी उबाल ला दिया है | जहाँ भाजपा ने इस बयान पर विरोध दर्ज करते बृहस्पति सिंह का पुतला फूंका |वहीँ पत्रकार बिरादरी भी सोशल मीडिया पर बरस रही है | इधर जहाँ केन्द्रीय जनजातीय मामले की राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने इसे आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात कहा है। वहीँ सर्व आदिवासी समाज ने इस बयान के लिए सार्वजनिक माफ़ी मांगने तक विधायक के बहिष्कार का एलान कर दिया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने इसे आपराधिक श्रेणी का बयान करार दिया है |
बता दें हाल ही में बृहस्पति सिंह ने अपने ही सरकार के मंत्री टी एस सिंहदेव पर हत्या की साजिश करने का आरोप लगाया फिर सदन में माफ़ी मांग ली | इसी पर एक पत्रकार के सवाल पर बृहस्पति सिंह ने यह बयान दिया|
रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के सरगुजा के आदिवासियों पर दिए बयान के विरोध में बृहस्पति सिंह का पुतला दहन किया। अंबिकापुर में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने आज स्थानीय घडी चौक में यह प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष व सरगुजा संभाग प्रभारी रामलखन सिंह पैकरा ने कहा कि विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा सरगुजा के आदिवासी भाईयो को अंगूठा छाप कहना सरगुजा में रहने वाले समग्र आदिवासी समाज का अपमान है| आदिवासी मोर्चा रामानुजगंज विधायक के बयान की कडी निंदा करती है तथा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप विधायकजी के मानसिक संतुलन का इलाज कराने व उन पर एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग करती है।
आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात-रेणुका सिंह
वहीँ केंद्र सरकार में जनजातीय मामले की राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने इस बयान को आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात कहा है। उन्होंने कहा है कि सरगुजा अंचल के आदिवासियों को विवेकहीन घोषित कर क्षेत्र की जनता के बौद्धिक और नैतिक स्तर पर की गई इस अनर्गल टिप्पणी से समाज में क्षोभ और आक्रोश है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी समुदाय की संस्कृति को एक नई पहचान और ऊंचाई देने के बजाए अपने विधायक से अपमान करा रही है। सांस्कृतिक अस्मिता व जल जंगल जमीन पर अधिकार समेत तमाम सपने बस्तर से सरगुजा तक निरन्तर टूट रहे हैं।
रेणुका सिंह ने कहा, बृहस्पत सिंह ने स्वयं को श्रेष्ठता बोध और दम्भ से लबरेज़ के रूप में प्रस्तुत किया है उनके बयान का विरोध बढ़ता जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने इस बयान के लिए सार्वजनिक माफ़ी मांगने तक विधायक के बहिष्कार का एलान कर दिया है।
आपराधिक श्रेणी के बयान-अनुराग सिंह देव
इधर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बृहस्पति सिंह ने जिस तरह के बयान दिये हैं ये सब आपराधिक श्रेणी के बयान में आते हैं | कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस पर कोई रिएक्शन न आना उनकी मौन सहमति को प्रकट करता है । विधायक की इस तरह की अनर्गल बयानबाजी बेहद दुर्भाग्यजनक है ।
सरगुजा के आदिवासी एवं आम जनता को अंगुठा छाप कहकर इन्होंने आदिवासी भाईयों व मतदाताओं का घोर अपमान किया है यह बयान छत्तीसगढ़ की शालीन राजनीति के सर्वथा प्रतिकूल है । कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या बृहस्पति सिंह के बयान से वे सहमत हैं|
राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम पर बृहस्पति सिंह के बयान पर अनुराग सिंह देव ने कहा कि जितने घंटे बृहस्पति सिंह की विधानसभा में उपस्थिति होगी उससे कहीं ज्यादा घंटे तो रामविचार नेताम विधानसभा राज्यसभा में बोल चुके हैं | नेताम ने सरगुजा की प्रगति और विकास में जो भूमिका निभाई है उस अनुभव को उनके सानिध्य में बृहस्पति सिंह को बैठकर ग्रहण करना चाहिए । उनके विरुद्ध बृहस्पति सिंह का बयान ना केवल घटिया बल्कि आपराधिक भी है।
बृहस्पति सिंह को यदि बयानबाजी का शौक पूरा करना है तो वो कांग्रेस के अपने नेताओं के बारे में बोलें । बृहस्पति सिंह अगर सरगुजा की जनता, पत्रकार और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बिना सिर पैर की अभद्र टिप्पणी करेंगे, छत्तीसगढ़ की शांत राजनैतिक फिजा में जहर घोलने का काम करेंगे तो उन्हें सीधा जवाब दिया जायेगा|
जिस छलनी में 36 छेद- रामविचार नेताम
इधर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने ट्विट किया – सरगुजा के सम्पूर्ण आदिवासी समाज को विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा अंगूठा छाप आदिवासी कहा जाना घोर निंदनीय है | मुझे नहीं मालुम था कि मेरे द्वारा विधायक को मानहानि की चेतावनी दिये जाने के बाद से उनका मानसिक संतुलन वास्तव में और बिगड़ जाएगा. यह तो वही बात हो गयी कि “जिस छलनी में 36 छेद, वो क्या करेगा बात –विभेद” ।
लोकतंत्र के चौथे मजबूत स्तम्भकार पत्रकारों को भी अपनी दिमागी हालत ठीक किये जाने के विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा दी गई नसीहत भर्त्सना योग्य है|
सोशल मीडिया भी मुखर हो गया है | वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल ने ट्विट किया है-
छत्तीसगढ़ में @INCIndia के इन MLA ने पिछले पखवाड़े अपने ही मंत्री द्वारा हत्या की आशंका जताई थी, फिर सदन में खेद जताया था. पहले भाजपा सांसद पर और एक IAS पर भी हत्या का आरोप लगा चुके हैं. अब इन्हें आदिवासी अनपढ़ लग रहे हैं तो पत्रकार मानसिक बीमार. कहाँ से आते हैं ऐसे लोग ?
Bastar Talkies @BastarTalkies सरगुज़ा के आदिवासी और पत्रकार दोनो अंगूठाछाप होते हैं क्या ? रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह का बयान सुनिए। अभी दो दिन पहले टीएस सिंहदेव पर जान से मारने का आरोप लगा रहे थे और अब ये नया कहानी बता रहे हैं।ऐसे लोगों को टिकट और वोट क्यों दिया जाता है समझ से परे है :@ranutiwari_17