सुप्रीम कोर्ट ने कसा नकेल, क्रिमिनल रिकॉर्ड सार्वजनिक न करने पर 8 राजनीतिक दलों पर जुर्माना  

सुप्रीम कोर्ट  ने राजनीति के अपराधीकरण पर नकेल कसने के लिए अपने पूर्व के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए मंगलवार को आदेश दिया कि उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के 48 घंटे के भीतर सभी राजनीतिक दलों को उनसे जुड़ी जानकारी साझा करनी होगी। कोर्ट ने   भाजपा और कांग्रेस समेत 8 दलों पर जुर्माना लगाया।

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नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट  ने राजनीति के अपराधीकरण पर नकेल कसने के लिए अपने पूर्व के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए मंगलवार को आदेश दिया कि उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के 48 घंटे के भीतर सभी राजनीतिक दलों को उनसे जुड़ी जानकारी साझा करनी होगी। कोर्ट ने   भाजपा और कांग्रेस समेत 8 दलों पर जुर्माना लगाया। इन सभी 8 पार्टियों ने बिहार चुनाव के समय तय किए गए उम्मीदवारों के क्रिमिनल रिकॉर्ड सार्वजनिक करने के आदेश का पालन नहीं किया था।

सुप्रीम कोर्ट  ने राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाने के साथ ही  कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों का चयन करने के 48 घंटे के अंदर उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड पब्लिश करना होगा। और उनकी   जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी | दो अखबारों में इसे प्रकाशित  करना होगा। उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी सौंपनी होगी।

 सुप्रीम कोर्ट ने   भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी और सीपीआई पर एक-एक लाख और  एन सीपी और सीपीएम पर5-5 लाख रूपये  का जुर्माना लगया।

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 इसके  साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में बदलाव किया है। फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के अंदर या फिर नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से दो हफ्ते पहले (इन दोनों में से जो भी पहले हो) उम्मीदवारों की पूरी जानकारी देनी होगी।

बता दें पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 470 दागियों ने किस्मत आजमाए, लेकिन दागियों ने आपराधिक जानकारी लोगों को नहीं दी| चुनाव में राजद के सर्वाधिक 104 दागी उम्मीदवार मैदान में थे| भाजपा ने 77 दागी उम्मीदवार उतारे थे|  जदयू ने 56 और लोजपा ने 67 दागियों पर दांव लगाया| कांग्रेस ने 45, रालोसपा ने 57, बसपा ने 29 तो एनसीपी ने 26 दागी उम्मीदवार को टिकट दी| वाम दल भाकपा ने 5 तो माकपा ने 4 दागी उम्मीदवार उतारे|

इस पर नवंबर 2020 में एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने अवमानना याचिका दायर की थी। गत 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित हो गया था|

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