40 पार diabetes मरीज सेक्स लाइफ पर असर कैसे रोकें

आधुनिक जीवन-शैली, अनियमित दिनचर्या और खान-पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही युवा  कई तरह की बीमरियों के शिकार हो जाता है | इसका सीधा असर उसके सेक्स लाइफ पर दिखाई देता है

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केरियर बनाते युवा उम्र का बाद हिस्सा चला जाता है | देर से शादी और diabetes के कारण 40 बरस  की उम्र में  सेक्स लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है । इस समस्या का असर महिलाओं पर भी खासा पड़ता है। वह मनोवैज्ञानिक रूप से टूटने लगती हैं।

आधुनिक जीवन-शैली, अनियमित दिनचर्या और खान-पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही युवा  कई तरह की बीमरियों के शिकार हो जाता है | डायबिटीज diabetes यानि मधुमेह भी इनमें से एक है | आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में diabetes यानि मधुमेह भी तेजी से बढ़ रही  है | यह न केवल उम्रदराजों को, बल्कि युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है।

केरियर बनाते युवा उम्र का बाद हिस्सा चला जाता है | देर से शादी और diabetes के कारण 40  की उम्र में  सेक्स लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है । इस समस्या का असर महिलाओं पर भी खासा पड़ता है। वह मनोवैज्ञानिक रूप से टूटने लगती हैं।

diabetes से पीड़ि‍त लोगों में खून की नलियों में निरंतर फैट व कैल्शियम का जमाव होता रहता है|  फैट का जमाव इतना अधिक हो जाता है कि खून की नलियां सकरी होकर सिकुड़ जाती हैं, तो लिंग में जाने वाले शुद्ध खून की सप्लाई बुरी तरह से बाधित हो जाती है और लिंग के सख्त होने में भारी कमी आ जाती है। सेक्‍स के प्रति उनकी रुचि कम हो जाती है। जिससे उनके यौन जीवन का आनंद ही चला जाता है।

diabetes में सेक्स क्षमता में कमी आने का दूसरा कारण खून में हार्मोंन जैसे टेस्टोस्टरोन की कमी।  खून में थॉयराइड हार्मोंन की कमी से भी सेक्स प्रभावित होता है।

लेकिन आज इसका इलाज संभव है जिसके चलते उनकी सेक्स लाइफ में आनंद लौट सकता है। संयमित खान-पान और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है। नियमित रूप से योग करने और खानपान में आवश्यक ध्यान देने से हम diabetes को नियंत्रित रख सकते हैं, हमारा विवाहित जीवन खुशहाल बना रह सकता है। diabetes डायबिटीज या मधुमेह से डरने की जरूरत नहीं है।

राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में गैर-संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि मधुमेह या डायबिटीज diabetes हमें तब होता है जब हमारे शरीर के हार्मोन इंसुलिन या कहें तो रक्त शर्करा या ग्लूकोज की मात्रा हमारे शरीर के साथ सही तालमेल नहीं बिठा पाती है।

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ज्यादातर खराब जीवन-शैली के कारण यह होता है। diabetes मधुमेह दो प्रकार का होता है। टाइप-1 diabetes डायबिटीज बच्चों में पाया जाता है। इसमें शरीर में इंसुलिन की सेंसिटिविटी (Sensitivity) खत्म हो जाती है जिससे शरीर का मेटाबॉलिक सिस्टम खराब हो जाता है और शुगर का लेवल बढ़ने लगता है।

डॉ. सिंह ने बताया कि टाइप-2 diabetes डायबिटीज अधिकांशतः 40 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों में होता है। इसमें शरीर को जितनी इंसुलिन की आवश्यकता होती है, इंसुलिन की उतनी मात्रा शरीर को नहीं मिल पाती है। गर्भावस्था के दौरान भी diabetes  मधुमेह हो जाता है जो कि एक सीमित समय के लिए होता है और समय के साथ वह ठीक भी हो जाता है। परिवार में माता-पिता या भाई-बहन में किसी को diabetes  मधुमेह है तो अन्य रक्त संबंधियों के भी इससे पीड़ित होने की आशंका होती है।

diabetes के लक्षण

ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन का असामान्य रूप से ज्यादा या कम होना, थकान या कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, आंखों की रोशनी का कमजोर होना या धुंधला दिखना, हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन, बार-बार पेशाब होना या पेशाब का संक्रमण होना, चोट या घाव का देर से भरना या ठीक न होना diabetes मधुमेह के सामान्य लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने या महसूस होने पर अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाकर diabetes मधुमेह की निःशुल्क जांच अवश्य कराएं।

diabetes से बचाव

diabetes मधुमेह से बचाव के लिए नियमित व्यायाम या योग जरुर करना चाहिए। समय पर संतुलित भोजन मधुमेह से बचाव के लिए बहुत आवश्यक है। अधिक घी-तेल वाले भोजन का सेवन करने से भी diabetes मधुमेह का खतरा बढ़ता है। भोजन में अनाज, दालें, हरी-पत्तेदार सब्जियां, मौसमी सब्जी, ताज़े मौसमी फल, दूध व दही से बनी चीजों का सही मात्रा में सेवन करना चाहिए। रेशेदार भोजन भी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। रोजाना 10-12 गिलास पानी जरुर पिएं। अपने भोजन में अंकुरित अनाज को शामिल करें। शराब से परहेज करें।  (इनपुट dprcg)

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