नाम बदलने के “खेला” के बीच इंदिरा की याद और कांग्रेस की मौजूदा हालत
कंगना वाली कथित आजादी के दौर से नाम बदलने का "खेला" जोरों पर जारी है। दिल्ली की सरकार बहादुर और उसके लोग डंके की चोट पर नाम बदलने का "खेला" चला रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी को अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि रानी कमलापति दरअसल इस्लाम कुबूल कर चुके गोंड़ राजा निजाम शाह की सातवीं पत्नी थी और परंपरा के मुताबिक गोंड आदिवासी अपने आप को हिंदू नहीं मानते।

इस सिलसिले में बता दूं कि इस्पात नगरी भिलाई में 50 साल पहले विधिवत केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति के बाद सिविक सेंटर क्षेत्र का नाम बदलकर इंदिरा प्लेस किया गया था।
अब इस घटना को 50 साल होने जा रहे हैं। आज सरकारी रिकॉर्ड में सिविक सेंटर का नाम भले ही इंदिरा प्लेस हो लेकिन लोग अब भूल चुके हैं। जिस नाम पट्टिका का अनावरण यहां किया गया था। वह भी अब ट्रैफिक पार्क के बियाबान जंगल में खो चुकी है। जिसके चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है।
