सीएम भूपेश बघेल का ऐसा दरबार है, जहां कोई गरीब पहुंच ही नहीं पाता-रमन
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल द्वारा हसदेव बचाओ पदयात्रियों को मिलने के लिए समय न देने और आज ही देवी- दर्शन के कार्यक्रम में व्यस्त रहने को लेकर सोशल मीडिया सक्रिय हो गया | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस पर टिप्पणी करते ट्विट किया है - सीएम @bhupeshbaghel का ऐसा दरबार है, जहां कोई गरीब पहुंच ही नहीं पाता।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल द्वारा हसदेव बचाओ पदयात्रियों को मिलने के लिए समय न देने और आज ही देवी- दर्शन के कार्यक्रम में व्यस्त रहने को लेकर सोशल मीडिया सक्रिय हो गया | कई तरह के कमेन्ट किये जा रहे हैं , उनके यूपी जाकर किसानों से मिलने की तुलना की जा रही है |
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस पर टिप्पणी करते ट्विट किया है – सीएम @bhupeshbaghel का ऐसा दरबार है, जहां कोई गरीब पहुंच ही नहीं पाता।
आदिवासी जब उनसे मिलने जाते हैं तो उन्हें धक्का दे दिया जाता हैं। सिलगेर में आदिवासियों की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई कोई मंत्री मिलने नहीं गया। पूरे वनांचल में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है।
सीएम @bhupeshbaghel का ऐसा दरबार है, जहां कोई गरीब पहुंच ही नहीं पाता।
आदिवासी जब उनसे मिलने जाते हैं तो उन्हें धक्का दे दिया जाता हैं। सिलगेर में आदिवासियों की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई कोई मंत्री मिलने नहीं गया।
पूरे वनांचल में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है। pic.twitter.com/m6izQeoQBo
— Dr Raman Singh (@drramansingh) October 13, 2021
बता दें राजधानी रायपुर से रतनपुर की महामाया दर्शन के लिए रवाना होने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने हेलिपैड पर पत्रकारों के हसदेव बचाओ पदयात्रा से जुड़े सवाल पर कहा था कि जो बातचीत करना चाहें हम तो सबसे बात कर रहे हैं। किसी को कोई मनाही नहीं है, लेकिन उनके तरफ से कोई ऑफर नहीं आया कि हमसे मिलेंगे। जो मिलना चाहे सबके लिए दरवाजा खुला है। सब मिल सकते हैं। सब बात कर सकते हैं। बातचीत से ही समस्या का समाधान होगा।
वहीँ रायपुर पहुंचे पदयात्रियों ने कहा कि पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी सूचना नहीं दी है। मुख्यमंत्री के ओएसडी को 8 अक्टूबर को फोन कर बताया गया था कि हम लोग 13 तारीख को रायपुर पहुंच रहे हैं। आवेदन भी दिया था |
माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसूइया ऊईके जी ने पदयात्रियों के एक दल को बातचीत का समय दिया है जबकि मुख्य मंत्री कार्यालय से अब तक आवेदन पर कोई सूचना नहीं मिल पायी है |
हसदेव अरण्य को बचाने फतेहपुर से निकली पदयात्रा रायपुर पहुंच गई, 300 किलोमीटर की यात्रा कर आदिवासी राजधानी पहुंचे हैं लेकिन मुख्यमंत्रीजी को जानकारी नहीं मिली है. pic.twitter.com/Tnn9zqfxnK
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 13, 2021