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इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं

इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं

इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं -रामचरित मानस में लक्ष्मण ने परशुराम के स्वभाव पर व्यंग्य किया कि मुनिवर स्वयं को महान योद्धा मान रहे हैं।  मुझे अपना…
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